Modi Surname Case: राहुल गांधी का जोरदार स्वागत, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने खिलाया लड्डू, देखें तस्वीरें
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. सजा पर रोक के बाद राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे जहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनपर फूलों की बारिश करते हुए उनका जोरदार स्वागत किया.
राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी थीं. मुख्यालय पहुंचने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को लड्डू खिलाकर उनका स्वागत किया. राहुल गांधी एआईसीसी मुख्यालय में तमिलनाडु कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक के लिए पहुंचे थे.
राहुल गांधी ने पीसी कर कहा कि आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो सच्चाई की जीत होती है, लेकिन चाहे जो हो मेरा रास्ता साफ है. मुझे क्या करना है, मेरा क्या काम है उसे लेकर मेरे दिमाग में स्पष्टता है. जिन लोगों ने हमारी मदद की और जनता ने जो प्यार और साथ दिया उसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद.
इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत के विचार की रक्षा करना. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि निचली अदालत के जज की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आज खुशी का दिन है, लोकतंत्र और संविधान की जीत हुई. सत्यमेव जयते की जीत हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, अभी संविधान जिंदा है. न्याय मिल सकता है इसका ये उदाहरण है. ये केवल राहुल गांधी की नहीं बल्कि आम लोगों की जीत है. एक व्यक्ति जो सच्चाई के लिए और देश हित के लिए लड़ता है. मंहगाई, बेरोजगारी के खिलाफ लड़ता है. भारत जोड़ो यात्रा की, सबकी दुआ से ये जीत मिली है.
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को हटाने में केवल 24 घंटे लगे, देखना है कितने घंटे में उनकी सदस्यता बहाल की जाती है. सुप्रीम कोर्ट और संसद के बीच कुछ किलोमीटर की ही दूरी है. उम्मीद है कि रात तक सदस्यता बहाल कर दी जाए. मोदी सरकार और बीजेपी को अपनी गलती का एहसास हुआ होगा, वायनाड के वोटरों की जीत है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बीती 23 मार्च को मोदी सरनेम केस में सूरत की कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी. ये सजा 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली में उनकी टिप्पणी को लेकर सुनाई गई थी. जहां उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी कैसे हो सकता है. सजा मिलने के अगले दिन उनकी संसद सदस्यता चली गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी सदस्यता फिर से बहाल होगी.