बिहार के क्वारंटीन केंद्र का अजब-गजब नजारा, तस्वीरें देखकर आप भी रह जाएंगे दंग
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की क्वारंटीन सेंटर में बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग बाउंड्री से छलांग लगाकर नदी में जाते हैं. बाजार के दुकानों में समान खरीदने निकलते हैं. ग्रामीणों में काफी भय भी है कि कोरोना का संक्रमण कहीं पूरे गांव में न फैल जाए. सेंटर पर 1 चौकीदार रखा गया है वह सिर्फ खानापूर्ति की गई है.
गया जिले के परैया प्रखण्ड के खुशदीहरा के स्वामी धरणीधर महाविद्यालय में बनाये गए क्वारेटिन सेंटर की हकीकत देख सभी चौक जाएंगे. इस सेंटर में कुल 240 प्रवासी मजदूर ठहरे जहां न किसी की मेडिकल जांच की गई है और न कोई सुविधा दी गयी है.
यहां के प्रवासी मजदूरों ने बताया की 240 लोगों पर मात्र 2 शौचालय और 2 चापाकल है ऐसे में मजबूरी है की बाउंड्री को फांदना पड़ता है. वहीं 2 लोगों पर 1 बाल्टी दी गयी है.
वहीं कुछ ने बताया कि खाना की भी अच्छी व्यवस्था नहीं है दोनों समय चावल ही खाने में मिलता है. दूध भी काफी पतला मिलता है.
यहां जुगाड़ से बाउंड्री के बाहर पेड़ की टहनियों को काट कर गिरा दिया गया उसी से दीवार को पार कर मजदूर जा रहे हैं. कुछ लोग बाउंड्री को फांदकर जाते दिखे.
सुबह-सुबह क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को शौचालय जाने के लिए कैंपस की चारदीवारी से बाहर जाना पड़ रहा है.
मजदूरों ने बताया कि पिछले 6 दिनों से यहां ठहरे हैं लेकिन कोई जांच बगैरह नहीं हुई है. कुछ दिन पहले डॉक्टर आये थे सर्दी जुकाम की दवा देकर चले गए.