Presidential Election 2022: NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी और शरद पवार को किया फोन
सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सहित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
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View In Appप्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर स्थित राज्यसभा महासचिव के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी को मुर्मू के नामांकन पत्र सौंपे. मुर्मू के साथ नामांकन दाखिल करने के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे.
बीजेपी नेताओं के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, ओड़िशा की बीजू जनता दल सरकार के दो मंत्री और उसके नेता सस्मित पात्रा, अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम, थम्बी दुरई और जनता दल (यूनाईटेड) के राजीव रंजन सिंह भी मौजूद थे.
राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए प्रत्येक सेट में निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच से 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक होने चाहिए. चुनाव जीतने पर मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी.
इसके अलावा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार से फोन पर बात की और उनसे राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की.
उन्होंने बताया कि मुर्मू ने नामांकन दाखिल करने से पहले खुद ही तीनों प्रमुख विपक्षी नेताओं से बात की. सूत्रों के मुताबिक सोनिया, ममता और पवार ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं.
मुर्मू ने आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन परिसर स्थित राज्यसभा महासचिव के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी को मुर्मू के नामांकन पत्र सौंपे.
एक आदिवासी नेता से पार्षद और झारखंड की पूर्व राज्यपाल से अब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार- द्रोपदी मुर्मू- अपनी निजी दुश्वारियों को पार करते हुए राजनीति के सर्वोच्च सोपान पर पहुंचने की ओर अग्रसर हैं और यदि सब कुछ ठीक रहा तो उनकी अगली मंजिल राष्ट्रपति भवन होगा.
चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं. उन्होंने यह गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उस वक्त पकड़ा था, जब उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था.
मुर्मू इस पद के लिए चुने जाने की स्थिति में भारत की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी. अठारह जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में मंगलवार को सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से उम्मीदवार चुने जाने के बाद राष्ट्रीय सुर्खियों में आई मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ, शिव और हनुमान के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की.
बीजेपी नेता और कालाहांडी से लोकसभा सदस्य बसंत कुमार पांडा ने कहा, वह गहरी आध्यात्मिक और मृदुभाषी व्यक्ति हैं.
रायरंगपुर से ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीति के सोपान पर पहला पहला कदम रखा था. वह 1997 में रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनाई गईं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद)-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं. उनको 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2021 तक इस पद पर रहीं.
बीस जून 1958 को जन्मीं मुर्मू राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं. विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर यदि वह जीत हासिल कर लेती हैं तो वह ऐसी राष्ट्रपति बनेंगी, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ था.
ओडिशा बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा, ‘‘वह (मुर्मू) बहुत तकलीफों और संघर्षों से गुजरी हैं, लेकिन (वह) विपरीत परिस्थितियों से नहीं घबराती हैं.
सामल ने कहा कि संथाल (Santhal) परिवार में जन्मी मुर्मू (Murmu) संथाली (Santhali) और ओडिया (Odiya) भाषाओं में एक उत्कृष्ट वक्ता हैं. उन्होंने कहा कि मुर्मू ने क्षेत्र में सड़कों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है.
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