मिनटों में खुल जाता है, 17 मीटर ऊपर उठता भी है, जानें 700 करोड़ से बना पंबन ब्रिज कितना हाईटेक
एक नए कलेवर में बनकर तैयार हुआ यह नया पंबन ब्रिज आधुनिक तकनीकों से लैस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी आधुनिकता की तारीफ की है.
दक्षिण भारत में रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला पहला पंबन ब्रिज अंग्रेजों के समय में साल 1914 में बना था, जो भारत में समुद्र के ऊपर बना पहला रेलवे ब्रिज था. लेकिन जर्जर होने के कारण इसे 2022 में बंद कर दिया गया.
इस पुल को समुद्री यातायात को सुगम बनाने की सोच के साथ बनाया गया है. इस रेलवे पुल का एक हिस्सा समुद्री जहाजों को रास्ता देने के लिए 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, जो कि इसके हाईटेक होने के सबूत देते हैं.
इस नए पंबन ब्रिज के वर्टिकल लिस्ट को पूरी तरह से खुलने में मात्र 5 मिनट और 30 सेकेंड का समय लगता है, जबकि पुराने पुल में करीब 35 से 40 मिनट का समय लगता था.
यह नया पंबन ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है और यह 72.2 मीटर चौड़ा समुद्री मार्ग है. इस पुल की चौड़ाई इतनी है कि इसके एक लेन में दो ट्रक आसानी पर पार कर सकते हैं. इसके अलावा पुराने पुल के मुकाबले 3 मीटर ऊंचा भी बना है.
इस नए पुल के निर्माण में 700 करोड़ रुपये की लागत आई है. रविवार (6 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल के उद्घाटन के साथ-साथ एक नई ट्रेन सेवा रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) को भी हरी झंडी दिखाई.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पुल के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में कहा, “यह नया पंबन ब्रिज आधुनिकता और परंपरा का संगम है. यह पुल से हजारों साल पुरानी परंपरा 21वीं सदी के आधुनिकीकरण से जुड़े रही है.”
प्रधानमंत्री ने इस नए पुल को इंजीनियरिंग वंडर कहते हुए इसके निर्माण में लगे सभी इंजीनियरों और वर्कर्स को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया.