Nalanda University: नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, जानें क्या है खासियत
नए विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी स्थान से काम करना शुरू किया. यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ.
भारत के अलावा इस यूनिवर्सिटी को बनाने में जिन 17 अन्य देशों की भागीदारी है उनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.
यूनिवर्सिटी में छह अध्ययन केंद्र हैं जिनमें बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल; ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल; पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल; और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल शामिल हैं.
नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी बनाई गई है. इसमें तीन लाख से अधिक पुस्तकें और पांडुलिपियां रखी जाएंगी.
यूनिवर्सिटी का नया परिसर नालंदा के प्राचीन खंडहर स्थल के करीब है. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी.
नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना पांचवीं शताब्दी में हुई थी जहां दुनियाभर से छात्र अध्ययन के लिए आते थे. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों के नष्ट किए जाने से पहले यह प्राचीन विश्वविद्यालय 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा.