क्या सचमुच नेहरू ने 1959 में भारतीयों को कहा था आलसी? जानें पीएम मोदी ने संसद में क्या कहा और पहले पीएम ने क्या बोला था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (5 फरवरी) को बजट सत्र के दौरान कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का भाषण पढ़ा और कहा कि पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ऐसा सोचते थे कि भारत के लोग कम अक्ल और आलसी होते हैं.
साल 1959 में स्वतंत्रता दिवस की अपनी स्पीच के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि हिंदुस्तान में कड़ी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है, हम इतना काम नहीं करते जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, चीन वाले, अमेरिका वाले या रूस वाले करते हैं. ये न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गईं, वो मेहनत से हुई हैं और अक्ल से हुई हैं.”
बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी ने लाल किले पर दिए भाषण के कुछ अंश पढ़ते हुए कहा, “कांग्रेस की जो मानसिकता है उससे बहुत नुकसान हुआ है. कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया. वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता जनार्दन को कमतर और छोटा आंकते रहे. देश के नागरिकों के लिए कैसा सोचते थे वो लोग. मैं जानता हूं कि जब नाम लूंगा को उन लोगों को चुभन होगी.”
पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की सोच भी इससे ज्यादा अलग नहीं थी. उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त को लाल किले से ये कहा था कि दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मत्रुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय की भावना को अपना लिया है.