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New Criminal Law: 150 मीटिंग, 3200 सजेशन, फैक्ट्स के जरिए जानें कैसे अमित शाह ने तैयार किया नया क्रिमिनल लॉ

एबीपी लाइव   |  21 Dec 2023 12:51 PM (IST)
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औपनिवेशक युग के आपराधिक कनूनों की जगह लाए गए तीन विधेयक बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गए. इस बीच पता चला है कि इन विधेयकों के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 150 से अधिक बैठकें की, जबकि भारतीय न्याय व्यवस्था पर 3200 से अधिक सुझाव मिले जिन पर गौर करके बदलाव किए गए हैं .

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भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में पेश किए. ये तीनों विधेयक कानून बनने पर 1860 के भारतीय दंड संहिता (IPC), 1973 के आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.

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विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने इनकी विशेषताएं गिनाईं और बताया कि नया कानून पुराने से कितना ज्यादा बेहतर है. उन्होंने कहा कि पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, लेकिन अब मानव सुरक्षा और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है.

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बिल में पुलिस के लिए खास दिशा-निर्देश हैं. इसके मुताबिक, घटना के बाद तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी और 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच हो जानी चाहिए. इसके बाद 24 दिन के अंदर-अंदर मजिस्ट्रेट के पास रिपोर्ट पहुंच जाए और आरोप पत्र दाखिल करने में 180 दिनों से ज्यादा की देरी नहीं होनी चाहिए. अगर जांच लंबित है तो कोर्ट से विशेष अनुमित लेनी होगी.

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उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गंभीर अपराध, जिनमें 3 से सात साल या उससे ज्यादा सजा का प्रावधान है. ऐसे अपराधों के लिए भी यही सख्त टाइमलाइन फॉलो की जानी चाहिए. एफआईआर दर्ज कर पुलिस 14 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच पूरी कर ले.

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बिल में महिलाओ के लिए ई-एफआईआर की सुविधा का प्रस्ताव दिया गया है. जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहती हैं उनके लिए ई-एफआईआर की सुविधा उपलब्ध होगी और 24 घंटे के अंदर पुलिस खुद उनके पास पहुंच जाएगी. इसके अलावा, ऐसे अपराध जिनके लिए 7 साल या उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है, उनमें दोषसिद्धी के लिए फोरेंसिक जांच जरूरी होगी. गवाहों की सुरक्षा को भी नए बिल में शामिल किया गया है और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड में सुबूत इकट्ठा करने और बयान रिकॉर्ड करने की अनुमति होगी.

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नया विधेयक अभियुक्त की अनुपस्थिति में सुनवाई का प्रावधान पेश करता है. अमित शाह ने कहा, 'नए प्रावधान से भारत में कानूनी प्रक्रिया से बचने वाले सभी भगोड़ों के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में भी कार्रवाई की जा सकती है. इससे तुरंत न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और ऐसे भगोड़ों को देश में वापस लाने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी.

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