India Floods: बाढ़ आई तो केवल 25 फीसदी लोगों को किया जा सकेगा अलर्ट! तबाही वाले मानसून के बीच इस रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशन
यमुना नदी में उफान के चलते राजधानी दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. हालांकि, अब हालात पहले से बेहतर हो गए हैं. नदी के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है.
इन हालात के बीच अब एक चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. पर्यावरण और जल परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 66 प्रतिशत व्यक्ति अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में हैं लेकिन केवल 33 प्रतिशत लोगों को ही पहले से इसके लिए चेतावनी दी जा सकती है.
दरअसल, देश में हर जगह अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) नहीं लगे हैं. ऐसे में उन्हीं जगहों पर अलर्ट जारी किया जा सकता है जहां ये सिस्टम लगाए गए हैं. 72 फीसदी जिले बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में आते हैं लेकिन इनमें से केवल 25 फीसदी में ही बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र या पूर्व चेतावनी प्रणालियां हैं.
कुल मिलाकर 32 में से 14 राज्य जो बाढ़ के संपर्क में हैं और 17 में से 9 राज्य चक्रवात के संपर्क में हैं. इनमें से कइयों में अर्ली वार्निंग सिस्टम न होने के कारण सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है.
असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम ऐसे राज्य हैं जहां उच्च जोखिम के बावजूद ईडब्ल्यूएस की वजह से पहले से तैयारी करके रखी जाती है और ये अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं.
वहीं, तमिलनाडु, हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों को ईडब्ल्यूएस की उपलब्धता न होने के कारण नुकसान झेलना पड़ता है.
लगभग 97.51 मिलियन लोग भारत में अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में हैं. अधिकांश जिलों में बारिश के कारण नुकसान होने का अनुमान है. ऐसे में सरकार की ओर से सभी राज्यों में ईडब्ल्यूएस उपलब्ध कराया जाए, ऐसी जरूरत समझी जा रही है.