अजित पवार की बगावत के बाद क्या अब कांग्रेस खेमे से होंगे विधानसभा में नेता विपक्ष? शरद पवार ने साफ कर दिया रुख
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किए बिना एनसीपी को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है.
बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार (2 जुलाई) को तब सियासी भूचाल आया जब एनसीपी नेता अजित पवार ने शरद पवार के साथ बगावत कर बैठे, उन्होंने शिदे सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ ली, वहीं उनके साथ 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी में शरद पवार के गुट के पास बचे विधायकों की संख्या पर सवालिया निशान लग गया है. वहीं कांग्रेस ने इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की मांग की है. कांग्रेस ने ताजा घटनाक्रम पर मंगलवार (4 जुलाई) को बैठक भी बुलाई है.
इस पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर कांग्रेस का दावा जायज है, क्योंकि उसके पास राज्य में विपक्षी खेमे में सबसे ज्यादा सीट हैं. शरद पवार ने कहा कि वह किसी के प्रति दुर्भावना रखकर राजनीति नहीं करते हैं.
महाराष्ट्र की 288 सदस्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 45 विधायक हैं. एनसीपी के पास 53 विधायक हैं. जिसमें अजित पवार खेमे और बीजेपी का दावा है कि उनके पास 40 से ज्यादा एनसीपी के विधायकों का समर्थन है. इस लिहाज से महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा विधायक हैं.
एनसीपी में हुए विद्रोह के बाद जयंत पाटिल की अजित पवार गुट में जाने के बाद, शरद पवार ने जितेंद्र अवहाद को विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया है. वहीं इसके एक दिन बाद कांग्रेस के विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की मांग की है.