LK Advani Bharat Ratna: आडवाणी ने निकाली राम रथ यात्रा और बदल गई BJP की पूरी पॉलिटिक्स, तस्वीरों में देखें ये पूरा सफर
साल 1990 के सिंतबर महीने में लाल कृष्ण आडवाणी की अगुवाई में गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या के लिए एक यात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा का नाम था...राम रथ यात्रा. इस दौरान आडवाणी ने अपने संबोधन में कहा कि सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे.
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View In Appइस रथ यात्रा ने भारत की राजनीति को हिलाकर रख दिया था. राम रथ यात्रा में लाल कृष्ण आडवाणी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. गुजरात के सोमनाथ मंदिर से इस यात्रा को शुरू करने का उद्देश्य था कि जिस तरह आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर को पुनर्निमित किया गया, वैसे ही अयोध्या में भी मंदिर बनाया जाए.
अपनी इस यात्रा के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी अटल रहे और उनका कहना था कि ये यात्रा सोमनाथ से चली है और अयोध्या पहुंचने से पहले नहीं रुकेगी. ये यात्रा 16 राज्यों से होकर गुजरी थी, जैसे-जैसे पदयात्रा आगे बढ़ी, लोग भी इससे जुड़ते जा रहे थे.
जिस दौरान रथ यात्रा ने बिहार में प्रवेश किया, तब समस्तीपुर में रैली को लेकर बीजेपी तैयारियों में जुटी थी. तभी लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव थे. उन्हीं के कहने पर ये गिरफ्तारी हुई हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी का पूरा ख्याल रखा गया.
लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद ये रथ यात्रा रुक गई थी. 2 साल बाद बाबरी विध्वंस हुआ. भारत सरकार ने लिब्रहान आयोग बनाया. 2009 को इस पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपी गई. संसद में सरकार इस रिपोर्ट को रखने ही वाली थी कि एक मीडिया रिपोर्ट ने इससे जुड़ी कुछ बातें छाप दी.
लाल कृष्ण आडवाणी इस बात से नाराज थे क्योंकि लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी को बाबरी विध्वंस का षड्यंत्रकारी जा रहा था. आडवाणी का कहना था कि वो ये चाहते हैं कि राम मंदिर बने, लेकिन वो मस्जिद गिराने के पक्ष में नहीं थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबरी विध्वंस से जुड़े इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को 30 साल बाद इस केस से बरी कर दिया.
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