जोशीमठ में बेघर हुए लोग, NDRF-SDRF की टीमें कर रहीं लोगों की मदद
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की ओर से दरार वाली इमारतों को गिराने की कार्रवाई की निगरानी के अलावा अस्थायी पुनर्वास के लिए ‘अस्थायी आश्रय स्थल’ की डिजाइन तैयार की जा रही है.
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की ओर से मकानों को हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है जिसके लिए लोक निर्माण विभाग के 30 इंजीनियर मदद कर रहे हैं.
जोशीमठ में सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ जमीन में दरारें आने के कारण ऊपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए हैं और उनके पास के करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं.
उत्तराखंड में भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में गुरुवार को दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर 760 हो गई जबकि 145 परिवारों के 589 सदस्यों को अस्थायी रूप से सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है.
जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में भू-धंसाव वाली जगह से पानी निकलने की मात्रा कम हुई है और छह जनवरी के मुकाबले आधे से भी घटकर केवल 240 लीटर प्रति मिनट हो गई है.
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में ‘असुरक्षित’ घोषित किए गए दो होटलों को ढहाने की कार्रवाई 12 जनवरी को शुरू कर दी गई.