India-US Relation: एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ की बैठक, इन मुद्दों पर हुई बात
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान पर सहमति जताई जिसमें उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है.
यूएसए के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि मंगलवार (27 सितंबर) की बैठक और रविवार (25 सितंबर) के डिनर में हमने अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने को लेकर बातचीत की.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी दुनिया में सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है. लोगों के सामने आने वाली हर वैश्विक चुनौती का समाधान करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने आगे बताया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा दिए गए मजबूत सहयोग की सराहना करता हूं.
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत के योगदान को बढ़ाएगा. वाशिंगटन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे एस जयशंकर सोमवार (27 सितंबर) को लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के लिए पेंटागन गए थे. पेंटागन ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत और अमेरिका अपनी साझेदारी में अगले चरण की ओर बढ़ रहे हैं.
बैठक के दौरान दोनों नेताओं (एस जयशंकर और लॉयड ऑस्टिन) ने अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय भागीदारों के बीच गहरे सहयोग की भावना को रेखांकित किया. पेंटागन में विदेश मंत्री का स्वागत करते हुए ऑस्टिन ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि यह बातचीत दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी और आकांक्षाओं को मजबूत करती है. आगे उन्होंने कहा ‘‘मैं आपकी मित्रता का आभारी हूं और हम एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण की दिशा में मिलकर काम करेंगे. इस संबंध में एक शानदार बातचीत की आशा है.’’
लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि हाल के महीने में हमने चीन को अंतरराष्ट्रीय अदालत को चुनौती देने का प्रयास करते, ताइवान की खाड़ी और आसपास अप्रत्याशित उकसावे वाली कार्रवाई करते देखा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर और लॉयड ऑस्टिन ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि इस साल विशेषकर हिंद-प्रशांत में चुनौतियों के कारण वैश्विक चुनौतियां बढ़ गई हैं. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा संबंधों में और मजबूती लाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पेंटागन में अपने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस साल विभिन्न कारणों से विशेषकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कारण वैश्विक स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है.’’उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हिंद-प्रशांत की स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की जाए. इसके लिए दो देशों के बीच सहयोग सबसे अच्छा उपाय है.