Photos: अमित शाह ने सीमांचल की रैली से लालू-नीतीश पर किए कई वार, बीजेपी की वापसी का भी दावा
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें सत्ता का लालची और धोखेबाज करार दिया. इसके साथ ही अमित शाह ने लालू यादव को एक नसीहत भी दे डाली. उन्होंने कहा कि लालू यादव जो दल-बदल की राजनीति करते हैं उससे बिहार की जनता का नुकसान होता है. ये जनता के साथ धोखा है.
मेरे आने से लालू-नीतीश की जोड़ी के पेट में दर्द हो रहा है. वो कहते हैं कि हम यहां पर झगड़ा लगाने आए हैं. मैं यहां कोई झगड़ा लगाने नहीं आया हूं.
नीतीश कुमार किसी राजनीतिक विचारधारा के पक्षधर नहीं हैं. नीतीश समाजवाद छोड़कर लालू जी के साथ भी जा सकते हैं, जातिवादी राजनीति कर सकते हैं. नीतीश समाजवाद छोड़कर वामपंथियों, कांग्रेस के साथ भी बैठ सकते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एक ही नीति है- उनकी कुर्सी सलामत रहनी चाहिए. वो राजद छोड़कर बीजेपी के साथ भी आ सकते हैं.
नीतीश कुमार ने 2014 में भी यही किया था. वह ना घर के रहे थे ना घाट के. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 आने दीजिए, आपकी इस जोड़ी का बिहार की जनता सूपड़ा साफ कर देगी. 2025 में भी यहां बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.
आज मैं बिहार की इस विराट सभा से लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों से कहना चाहता हूं कि आप जो ये दल-बदल बार-बार करते हो, तो ये धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, बल्कि ये धोखा बिहार की जनता के साथ है.
भारत की जनता अब जागरूक हो चुकी है. स्वार्थ से और सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना सा सकता. विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित रहने से और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने से ही देश की जनता प्रधानमंत्री बनाती है.
हम स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति के पक्षधर हैं. प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश बाबू ने पीठ में छुरा भोंक कर आज आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का काम किया.
बिहार की भूमि परिवर्तन का केंद्र रही है. अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता का आंदोलन हो या लोकतंत्र के खिलाफ जो इंदिरा जी ने आपातकाल लगाया तब जय प्रकाश नारायण जी का आंदोलन हो, ये बिहार की भूमि से ही शुरू हुआ है.
अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनको प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि दिनकर जी की कविताओं ने आजादी के आंदोलन को धार दी साथ ही उनकी लेखनी ने भारतीय संस्कृति को भी मजबूती प्रदान करने का काम किया.
शाह बोले- सीमांत जिले में जनजातियों के साथ अत्याचार हो रहा है. उन्हें भगाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनजातीय समाज की द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का काम किया है. हमने यहां वामपंथी नक्सवादियों को भगाया है.