Mathura Holi: आग की भीषण लपटों के बीच नंगे पांव घुस गया शख्स, कोई फिल्मी हीरो नहीं, तस्वीरों में देखें रियल लाइफ का बाहुबली
होली के एक दिन पहले पूरे देश में होलिका दहन किया जाता है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मथुरा में एक ऐसी जगह है जहां होलिका दहन की परंपरा बिल्कुल अलग है.
मथुरा के फालैन में आज भी हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद की होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है. इसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.
इसी परंपरा को 8 मार्च की तड़के सुबह मोनू पंडा ने निभाया. 2020 से लगातार मोनू पंडा अपने पूर्वजों की परंपरा को निभा रहे हैं.
मोनू पंडा बसंत पंचमी से प्रह्लाद मंदिर में विशेष जप पर बैठ जाते हैं. जानकारी के मुताबिक इस परंपरा को कोई एक ही व्यक्ति नहीं करता.
अगर कोई पंडा होलिका के लपटों के बीच से निकलने में असमर्थता जताता है तो वह अपनी पूजा करने वाली भक्त प्रहलाद की माला मंदिर में रख देता है. इसके बाद गांव का जो व्यक्ति उस माला को उठा लेता है, वह जलती होली में से निकलता है.