ISRO News: सौरमंडल में आया गर्म तूफान, ISRO ने बताया- भारतीय सेटेलाइट को नहीं हुआ नुकसान
10 और 11 मई को सूर्य पर बेहद सक्रिय क्षेत्र AR13664 द्वारा स्पेस में उत्पन्न तेज तूफान पृथ्वी की तरफ आ रहे थे. इस सक्रिय क्षेत्र (AR13664) को चार सबसे ज्यादा तीव्रता वाली श्रेणी और एक मध्यम तीव्रता वाली श्रेणी में सौर ज्वालाएं सेट की गईं.
तस्वीर में देख सकते हैं कि सूर्य से निकलने वाली ज्वालाएं कैसी दिखाई दे रही हैं. खास बात ये है कि ये नवंबर 2003 के बाद से पृथ्वी तक पहुंचने वाली सबसे मजबूत सौर ज्वालाएं थीं.
इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि सूर्य का ये चमकता हुआ क्षेत्र 1859 में हुई कैरिंगटन घटना जैसा दिखाई देता है. उस तूफान की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि उन्होंने उत्तर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में औरोरा की एक श्रृंखला बना दी. इसका कुछ औरोरा भारत के लद्दाख के निचले क्षेत्रों में दिखाई देता है.
11 मई स्पेस में हुए तूफानों से भारतीय क्षेत्र ज्यादा प्रभावित नहीं हुए. निचले लैटिट्यूड में होने की वजह से भारत में ज्यादा नुसकान नहीं हुआ.
सूर्य से बने स्पेस में पैदा होने वाले इन तूफानों का असर भारत से ज्यादा प्रशांत और अमेरिकी क्षेत्र में ज्यादा देखने को मिला. इसरो ने मंगलवार (14 मई) को बताया था कि इन इलाकों में ये पूरी तरह से विकसित नहीं हुए थे.
ISRO का कहना है कि भले ही 10 और 11 मई को रिपोर्ट की गई सौर ज्वालाओं की तीव्रता ज्यादा थी, लेकिन उसके सभी 30 अंतरिक्ष यान का संचालन सही तरीके से हो रहा है. वहीं इन तूफानों के चलते IMD द्वारा उपयोग किए जाने वाले INSAT-3DS और INSAT-3DR ऑनबोर्ड स्टार सेंसर को कोई नुकसान न हो इसके लिए बंद कर दिया गया था.
नासा की सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने सौर ज्वालाओं की इन फोटोज को कैप्चर किया. इन फोटोज में साफ देखा सकता है कि सूर्य के चारों ओर बैंगनी लाइट का एक ग्रुप दिखाई देता है.