Group Captain Varun Singh का पार्थिव शरीर लाया गया भोपाल, कल होगा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार- देखें Photos
Group Captain Varun Singh: वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शव गुरुवार को भोपाल, मध्य प्रदेश लाया गया. सिंह को भोपाल में उनके आवास पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी. कल यानी शुक्रवार को दोपहर करीब एक बजे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
तमिलनाडु में कुन्नूर के पास 08 दिसंबर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के एक सप्ताह बाद बुधवार सुबह बेंगलुरु स्थित वायु सेना के कमान अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान उसी दिन चली गई थी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद हुए वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि परिवार के सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ भोपाल में किया जाएगा.
39 वर्षीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने को शौर्य चक्र मिलने का जश्न इस महीने के अंत में इंदौर में मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी यह इच्छा अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी. उनके एक परिचित ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.
पिछले साल 12 अक्टूबर को एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को इस साल अगस्त महीने में भारत के तीसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से नवाजा गया था.
सिंह के पिता के पड़ोसी दलजीत सिंह गुरुदत्ता (70) ने बताया, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हर साल अपनी पत्नी गीतांजलि के पैतृक घर इंदौर जाया करते थे. इस बार उनका दिसंबर के अंत के आसपास इंदौर आने का कार्यक्रम था और शौर्य चक्र सम्मान का जश्न मनाने के लिए एक पार्टी देने वाले थे.
सिंह के पिता ने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने पुणे के एक कॉलेज में पढ़ रही गीतांजलि से मुलाकात की थी और बाद में उससे 20 जनवरी, 2008 को इंदौर में शादी की थी. उत्कृष्ट टेस्ट पायलट माने जाने वाले ग्रुप कैप्टन का एक 11 वर्षीय बेटा और आठ वर्षीय बेटी है.
पिता ने बताया कि वरुण भोपाल में अपने माता-पिता से मिलने आया करते थे और वह आखिरी बार दिवाली पर यहां आए थे. उन्होंने कहा कि उसे भोपाल से बेहद लगाव था और यहां रहना पसंद करते थे.