Climate Change: आग की लपटों से झुलसेगी दुनिया! 2025 में पड़ेगी इतनी गर्मी, जितनी एक दशक में नहीं पड़ी
डब्ल्यूएमओ के अनुसार 2024 के बाद 2025 भी सबसे गर्म सालों में से एक हो सकता है. मौसम कार्यालय (Met Office) का अनुमान है कि 2025 में भी ज्यादा गर्मी का सामना किया जा सकता है जैसा कि 2023 और 2024 में हुआ था. इसका असर पूरी दुनिया में देखा जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हाल ही में हम एक दशक की जानलेवा गर्मी से गुजरे हैं. गुटेरेस के मुताबिक 2025 के बारे में कोई गारंटी नहीं है, लेकिन वह उन लोगों के साथ खड़े हैं जो एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ भविष्य के लिए काम कर रहे हैं.
गुटेरेस ने डब्ल्यूएमओ का जिक्र करते हुए कहा कि 2015 से 2024 तक के क्लाइमेट चेंज ने स्पष्ट संकेत दिया है. ये वास्तविक समय में क्लाइमेट चेंज का प्रभाव दिखाता है.
गुटेरेस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर हम इस बर्बादी के रास्ते से बाहर नहीं निकले तो भविष्य में स्थितियां और भी गंभीर हो सकती हैं. उनके अनुसार 2025 में कई देशों को उत्सर्जन को कम करने और सुरक्षित रास्ते पर चलने की जरूरत होगी.
गुटेरेस ने ये भी कहा कि हमें रिन्यूएबल फ्यूचर को सपोर्ट करना होगा ताकि हम ऊर्जा संकट से निपट सकें और क्लाइमेट चेंज के इफेक्ट को कम कर सकें. ये हमें हर हालत में सुनिश्चित करना होगा कि हम स्वच्छ और सस्टेनेबल ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ें.
डब्ल्यूएमओ की महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि उन्होंने पहले साल में क्लाइमेट चेंज को लेकर लगातार रेड अलर्ट जारी किए गए हैं. 2025 में डब्ल्यूएमओ की 75वीं वर्षगांठ होगी और इस अवसर पर ये संदेश दिया जाएगा कि अगर हम एक सुरक्षित ग्रह चाहते हैं तो हमें तत्काल एक्शन लेना होगा.
सेलेस्टे साउलो ने ये भी कहा कि क्लाइमेट चेंज के लिए कार्रवाई करना केवल एक देश की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि ये एक वैश्विक जिम्मेदारी है. हर व्यक्ति और हर देश को जलवायु संकट से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा. ये हमारी पीढ़ी का कर्तव्य है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ ग्रह बनाएं.