Chenab Bridge Photos: एफिल टावर से ऊंचा, भूकंप भी बेअसर, भारत में बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज की जानें खासियत
भारतीय रेलवे जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बना रही है, जिसका नाम चिनाब ब्रिज है. पुल का निर्माण अपने आखिरी चरण में है. ये पुल इस साल खुल जाएगा, जिसके बाद लोग बादलों के बीच ट्रेन से यहां से सफर कर पाएंगे. ऐसे में आइए चिनाब ब्रिज की खासियतों के बारे में जानते हैं.
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View In Appचिनाब नदी पर पुल को नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. ये पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है. चिनाब ब्रिज इंजानियरिंग का अद्भुत कारनामा है, क्योंकि ये दो पहाड़ों को बहुत ज्यादा ऊंचाई पर जोड़ता है. इसके जरिए जम्मू-कश्मीर रेल के जरिए देश के बाकी के हिस्सों से जुड़ जाएगा.
पुल को बनाने के लिए 93 डेक का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें से हर एक का वजन 85 टन है. इन डेक को पुल के दोनों हिस्सों से धीरे-धीरे स्टील के आर्च के ऊपर फिट किया गया है. डेक उस चीज को कहा जाता है, जो पुल के ऊपर बिछाई जाती है, ताकि फिर उस पर पटरी को बिछाया जा सके.
चिनाब पुल 17 स्पैन से बना है और आर्च की लंबाई 467 मीटर है, जिसे सबसे लंबा माना जा रहा है. रेलवे के मुताबिक, 467 मीटर लंबे आर्च स्पैन को जोड़ना सबसे जरूरी काम था. इस काम में बहुत ज्यादा सटीकता की जरूरत थी, ताकि आर्क के दोनों सिरों को बिना गड़बड़ी के मिलाया जा सके.
रेलवे के जरिए बनाए गए चिनाब पुल पर भूकंप भी बेअसर रहेगा और न ही इस पर धमाकों का असर होगा. चिनाब ब्रिज ब्लास्ट प्रूफ है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इतनी ऊंचाई पर होने के बाद भी ये 266 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी झेल सकता है.
हिमालय के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में बनाए गए चिनाब ब्रिज के ऊपर से ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजर सकती है. इस पुल को 120 सालों तक कुछ नहीं होने वाला है. ऐसे में लोग बादलों के बीच एक शताब्दी से ज्यादा वक्त तक सफर कर पाएंगे.
चिनाब ब्रिज को तैयार करने का काम कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया है. रेलवे ने बताया कि पुल को तैयार करने में 1486 करोड़ रुपये का खर्च आया है. पुल के निर्माण से पहले, साइट तक पहुंचने के लिए 26 किलोमीटर लंबी संपर्क सड़कें और 400 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी.
आईआईटी, डीआरडीओ और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट को तैयार करने में अपना योगदान दिया है.
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