भारत जोड़ो यात्रा के 14 वें दिन 23 किमी चले राहुल गांधी, निशाने पर मोदी सरकार, देखें तस्वीरें
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संवाद के दौरान, उनसे इन दो आर्थिक कदमों के बारे में सवाल किए गए थे.
जयराम रमेश ने दिन के लिए भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एमएसएमई क्षेत्र को नष्ट करने के लिए मोदी सरकार का ‘‘जानबूझकर किया गया प्रयास’’ बताया.
रमेश के अनुसार गांधी ने कहा कि यह कोई गलती नहीं थी. ये छोटे व्यवसायों, एमएसएमई क्षेत्र को नष्ट करने और कुछ चुनिंदा व्यवसायों, उद्योगों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर उठाए गए कदम थे.
रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि इसलिए नोटबंदी और जीएसटी को गलतियों के तौर पर देखने के बजाय, उनका (गांधी का) विचार यह था कि वे मोदी की अपने कुछ चुनिंदा उद्योगतियों को लाभ पहुंचाने और छोटे एवं मध्यम व्यवसायों और अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्र को खत्म करने की योजना का हिस्सा थे.
उन्होंने कहा कि आईटी और एमएसएमई क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के अलावा वायनाड के सांसद गांधी ने ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों, केरल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल और 50 अन्य लोगों से मुलाकात की जिनमें प्रख्यात शिक्षाविद, अधिवक्ता, प्रवक्ता, नागरिक समाज के कार्यकर्ता और अन्य नागरिक शामिल थे.
रमेश ने कहा कि केरल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने गांधी को राज्य में मसाला और रबर उत्पादकों की समस्याओं के बारे में एक प्रतिवेदन दिया और राज्य में पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के सीमांकन के मुद्दे का भी जिक्र किया.
जयराम रमेश ने कहा कि यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस बीजेपी से कैसे अलग है, वायनाड के सांसद गांधी ने जवाब दिया कि उनकी पार्टी कम केंद्रीकृत है और निरंकुश नहीं है और उसने असहमति की आवाजों को कभी नहीं दबाया. रमेश के अनुसार गांधी ने कहा कि लोग बीजेपी की तुलना में उनकी पार्टी में अधिक खुलकर बोलने में सक्षम हैं.