BBC Documentary Row: बीबीसी डॉक्युमेंट्री पर बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले वो तीन लोग कौन हैं? जानें
एससी ने इसके लिए तीन हफ्ते का वक्त सरकार को दिया है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी. हालांकि एससी ने इस पर तुरंत बैन हटाने से इनकार किया. (फोटो-PTI)
देश में गुजरात दंगे 2002 पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर बैन लगाने के खिलाफ भारत के 3 मशहूर लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. (फोटो-PTI)
इनमें एक नाम पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) का हैं. असम में पैदा हुई मित्रा की तालीम कोलकाता और अमेरिका में हुई है. उन्होंने अमेरिका से अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर इंवेंस्टमेंट बैंकर का पेशा चुना.(फोटो-instagram.com/mahuamoitraofficial)
महुआ 2009 में नौकरी छोड़ कांग्रेस के जरिए राजनीति में दाखिल हुई. लेकिन एक साल के अंदर ही कांग्रेस का दामन छोड़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया.(फोटो-PTI)
प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने सीनियर एडवोकेट हैं. 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से वो खासे मशहूर हुए थे.(फोटो-Getty)
दुनिया में अरविंद केजरीवाल के साथ वो भी इस आंदोलन की वजह से मशहूर हुए. कुछ वक्त तक आप में रहे और फिर कुछ साल बाद पार्टी से खफा होकर इसे छोड़ दिया.
पत्रकार एन राम अंग्रेजी अखबार हिंदू के संपादक रहे. हिंदू पब्लिशिंग ग्रुप के डायरेक्टर और अंग्रेजी अखबार हिंदू के संपादक रहे एन राम ने भी बीबीसी डाक्युमेंट्री पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने कहा है कि ये आम आदमी के सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (a)का उल्लंघन कहा.(फोटो-@nramind)