Aurangzeb Tomb Row: औरंगजेब की कब्र हटाने से क्या होगा, महाराष्ट्र में क्यों हुआ पारा हाई, जानें सब
नागपुर में औरंगजेब का पुतला जलाया गया. नांदेड़ में बजरंग दल ने धरना प्रदर्शन किया. संभाजीनगर में कब्र हटाने की मांग को लेकर जुलूस निकाला गया. अंबरनाथ में भगवा झंडे को लेकर प्रदर्शन हुआ.
महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में इस तरह के प्रदर्शन देखने को मिले. केंद्र में कहानी सिर्फ एक है वो ये कि संभाजीनगर से औरंगजेब की कब्र हटाई जाए. इस कब्र विरोध को सियासी हवा देने तेलंगाना से महाराष्ट्र पहुंचे हैं बीजेपी के फायरब्रांड हिंदुत्ववादी नेता टी राजा सिंह.
टी राजा सिंह ने कहा, महाराष्ट्र की पवित्र धरती पर औरंगजेब की कब्र नहीं होनी चाहिए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से निवेदन है अभी चुनाव नहीं है. अभी किसी से डरने की जरूरत नहीं है.
शिंदे की शिवसेना के नेता तो कब्र के इस विवाद को अयोध्या के विवादित ढांचे तक ले गये हैं. सीधे सीधे अपनी ही पुलिस और सरकार को धमकी दे रहे हैं. संजय गायकवाड ने कहा, इस कब्र को हटाना चाहिए. नहीं हटाया तो शिवप्रेमी हटाएंगे. बाबरी पार्ट 2 नहीं उससे भी बड़ा पार्ट होगा.
बजरंग दल ने तो यहां तक धमकी दे दी है कि औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई गई को 'कार सेवा' करेंगे. बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने कहा, कार सेवा मतलब हजारों की संख्या में लोग कब्र वाली जगह पर पहुंचेंगे और उसे हटाएंगे. इन सबके बीच सवाल तो ये है कि औरंगजेब की कब्र हटाकर वहां करेंगे क्या ?
कांग्रेस के विधायक अमित देशमुख ने कहा, औरंगजेब की कब्र तोड़ना है या नहीं, इस पर सरकार को भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. अगर लोकभावना है तो हम उनके साथ रहेंगे पर सरकार पहले भूमिका स्पष्ट करे.
इसमें कोई दो राय नहीं कि औरंगजेब आक्रांता था. उसने 49 साल तक इस मुल्क पर राज किया. दर्जनों हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया. जवाहरलाल नेहरू ने भी अपनी चर्चित किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया में औरंगजेब को एक धर्मांध और पुरातनपंथी बादशाह के रूप में बताया था.