Air Display In Kashmir: डल झील के आसमां में 13 साल बाद भारतीय सेना ने किया एयर-डिसप्ले का आयोजन, देखें शो की खास तस्वीरों
श्रीनगर की विश्व-प्रसिद्ध डल झील के आसमान में 13 साल बाद भारतीय सेना ने एयर-डिसप्ले का आयोजन किया तो कश्मीरी अवाम ने दांतों तले उंगली दबा ली. पहली बार कश्मीर घाटी में इस तरह के वायु-प्रदर्शन में लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स ने हिस्सा लिया.
रविवार की सुबह कश्मीर घाटी की डल झील का आसमान सुखोई और मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की गर्जना से थर्रा उठा. सुखोई लड़ाकू विमानों ने कई हजार फीट की उंचाई पर त्रिशूल फॉर्मेशन से लेकर कई मैन्युवर किए. वायुसेना के सबसे पुराने फाइटर जेट में से एक, मिग-21 बाइसन भी इस एयर-डिसप्ले का हिस्सा बने. ये वही बाइसन एयरक्राफ्ट है जिसपर उड़ान भरकर विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था.
वायुसेना दिवस से पहले अजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एयरफोर्स ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर इस एयर-डिसप्ले का आयोजन किया था. इस एयरो शो में भारतीय वायुसेना की एयरोबैटिक 'सूर्यकिरण' और 'आकाश-गंगा' टीम ने भी अपने करतब से श्रीनगर के लोगों का दिल जीत लिया. वायुसेना की सूर्यकिरण टीम में नौ (09) हॉक एयरक्राफ्ट ने बेहद ही खूबसूरती से एक साथ अपने प्रदर्शन किया, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग मंत्र-मुग्ध हो गए. सूर्यकिरण टीम देश-विदेश के आसमान में अपने विमानों से करतब दिखाने के लिए खासी जानी जाती है.
इस कार्यक्रम में कश्मीर के राज्यपाल, मनोज सिन्हा के साथ साथ थलसेना और वायुसेना के बड़े अधिकारियों सहित बड़ी तादाद में कश्मीर के स्कूली बच्चे शामिल हुए.
वायुसेना की 'आकाशगंगा' टीम के वायुसैनिक एयरफोर्स के मी-17 हेलीकॉप्टर से पैराशूट के जरिए जमीन पर उतरे और उनके हाथों में तिरंगा था. इसके अलावा पैरा-मोटर और पैरा-ग्लाईडिंग टीम भी एयरो-शो का हिस्सा थी.
वायु-प्रदर्शन के बाद एबीपी न्यूज से खास बातचीत में एयर-डिसप्ले का हिस्सा रहे सूर्यकिरण टीम के पायलट, दीपांशु गर्ग ने बताया कि कश्मीर घाटी की पहाडियों के बीच एरौबिक्स करना बेहद चुनौतीपूर्ण था. जिस तरह डल झील पर मौजूद युवा और स्कूली छात्र और छात्राएं रोमांचक महसूस कर रहे थे ठीक वैसा ही आसमान में वे भी बेहद जोश में थे.
इस दौरान एबीपी न्यूज से बात करते हुए फ्लाईट लेफ्टिनेंट रिधिमा ने बताया कि युवाओं को रोमांचित देखकर वायुसेना बेहद खुश है, क्योंकि इसके जरिए युवा वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे. ग्रुप कैप्टन कामरान नजीर के मुताबिक, एयर डिसप्ले में विमानों और हेलीकॉप्टर्स ने जो प्रदर्शन किया वो कॉम्बेट-ड्रिल का ही हिस्सा था.
इस एयरो-शो का उद्देश्य कश्मीर के नौजवानों को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के साथ साथ कश्मीर घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देना है. क्योंकि 28 सितबंर को पर्यटन दिवस मनाया जाता है.