अंतरिक्ष में हो गई मौत तो क्या वापस आ सकती है डेडबॉडी?
अगर किसी एस्ट्रोनॉट की मौत पृथ्वी की निचली कक्षा के मिशन हो जाती है तो कुछ ही घंटों के अंदर चालक दल एक कैप्सूल से शव को पृथ्वी पर वापस ला सकता है.
अगर चंद्रमा पर किसी की मौत हो जाती है तो उसका कुछ शव आने में कुछ समय लग सकता है. ऐसे हालात के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल निर्धारित किए हुए हैं.
अगर किसी की मौत मंगल ग्रह की यात्रा के दौरान हो जाती है तो ऐसे में हालत बदल जाएंगे.
इस दौरान चालक दल वापस नहीं आएगा और मिशन के अंत में ही शव पृथ्वी पर लौट पाएगा.
ऐसे हालात में शव को एक अलग कक्ष या विशेष बॉडी बैग में संरक्षित रखा जा सकता है.
किसी भी शव को दूसरे ग्रह की सतह पर दफनाया नहीं जा सकता है क्योंकि शरीर के बैक्टीरिया और बाकी सूक्ष्म जीव उस ग्रह सतह को दूषित कर सकते हैं.
अन्य ग्रहों पर ऑक्सीजन बेहद कम मात्रा में होती है. ऐसे में आग जलाने के लिए बहुत ज्यादा जरूरत पड़ेगी. चालक दल के जीवित सदस्यों की सुरक्षा के लिहाज ऐसा नहीं किया जाता है.
भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स समेत नासा के दो एस्ट्रोनॉट बोइंग स्टारलाइनर में खराबी आने के बाद अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. उनकी वापसी को लेकर नासा ने अभी कुछ नहीं बताया है.