ये तस्वीरें इराक, सीरिया या पाकिस्तान की नहीं बल्कि भारत के अभिन्न अंग कश्मीर की हैं!
तस्वीरों में लिखी बातों के सहारे आतंकी ये संदेश देना चाहते हैं कि बच्चों के हाथ में किताब नहीं गन पकड़वाओं, ये हमें आजादी दिलाएंगे. इन तस्वीरों के जरिए आतंकी कश्मीर में तालिबान जैसी विचारधारा थोपना चाहते हैं. एक तस्वीर के ऊपर लिखा है कि आओ कश्मीर में तालिबान लाएं, यही हमारा भविष्य है.
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View In Appकुछ तस्वीरों में बच्चों के हाथ में लकड़ी की एके-47 बंदूके हैं. उन लकड़ी की बंदूकों पर आतंकी बुरहान वानी के समर्थन में नारे लिखे हैं. इन तस्वीरों में कुछ लड़कियों को भी लड़ाके की तरह दिखाया गया है. इसके पीछे का मकसद ये संदेश भेजना है कि कश्मीर में सिर्फ लड़के ही आजादी की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि लड़कियां भी उनका साथ दे रही हैं.
ये तस्वीरें ईराक, सीरिया या पाकिस्तान की नहीं है बल्कि भारत की हैं. दरअसल ये तस्वीरें कश्मीर से आई हैं. खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, कश्मीर में आतंकी अब बच्चों को 'रेडेक्लाइज़' कर रहे हैं यानि बच्चों को उग्रवादी बनाने का काम कर रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में एके-47 राईफल देकर आतंकी उनकी फोटो खींच उन्हें कश्मीर में बने सोशल मीडिया ग्रुप या फिर व्हाटसअप ग्रुप में शेयर कर रहे हैं.
हाल ही में कश्मीर में काउंटर इनसर्जेंसी ऑपेरशन की कमान संभालने वाले सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि ऐसा नहीं है कि पूरा कश्मीर उग्रवाद की आग में जल रहा है. ना ही कश्मीर का हर नागरिक उग्रवादी है. खुफिया एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी कश्मीर घाटी में करीब 250-300 आतंकी हैं. इनमें से कुछ पाकिस्तान के भी हैं. अगर उनके ओजीडब्लू भी गिन लिए जाएं तो ये आंकड़ा बहुत ज्यादा नहीं है. साथ ही कश्मीर घाटी में भी सिर्फ दक्षिण कश्मीर का ही इलाका ऐसा है जहां उग्रवादी सक्रिय हैं. बाकी इलाकों में उग्रवाद इतनी बड़ी समस्या नहीं है. दक्षिण कश्मीर के त्राल, अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां इलाके ऐसे हैं जहां उग्रवाद वाकई एक बड़ी समस्या है. कश्मीर घाटी के अधितकर स्कूल कॉलेज खुले हुए हैं, जहां छात्र अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. यहां तक की सेना की 'आर्मी गुडविल' स्कूलों में भी बड़ी तादाद में स्थानीय बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इन तस्वीरों को कश्मीर में उग्रवाद के प्रचार-प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके जरिए आतंकी ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उग्रवाद पूरे कश्मीर में फैल चुका है. उग्रवाद को कश्मीर का बच्चा-बच्चा 'सपोर्ट' करता है. साथ ही ये भी बताने की कोशिश की जा रही है कि इन बच्चों को स्कूल में पढ़ाने का कोई फायदा नहीं है. उनके हाथों में बंदूक दे देनी चाहिए.
खुफिया एजेंसी के एक बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि आतंकी अब सुरक्षाबलों से हथियारों के बल पर लड़ने के साथ-साथ अपनी हिंसक-विचारधारा को छोटे-छोटे बच्चों पर थोप रहे हैं ताकि ये बच्चे अपने बचपन से ही हथियारों के साथ रहना सीखें और इन तस्वीरों को देखकर बड़े हों.
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