रोज नहाना या सप्ताह में कभी-कभी क्या सही है, जानें एक्सपर्ट के अनुसार
त्वचा की नमी कम होना : साबुन और शैंपू में मौजूद केमिकल्स त्वचा और बालों की प्राकृतिक नमी को हटा सकते हैं. इससे त्वचा ड्राई और खुजलीदार हो सकती है, और बाल रूखे और बेजान दिखाई दे सकते हैं.
त्वचा की परतों का नुकसान: त्वचा पर एक सुरक्षा परत होती है जो बैक्टीरिया और वायरस से रक्षा करती है. रोजाना साबुन और शैंपू का इस्तेमाल इस परत को कमजोर कर सकता है, जिससे त्वचा संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है.
प्राकृतिक तेलों का नुकसान: त्वचा और बालों पर प्राकृतिक तेलों की एक परत होती है जो उन्हें स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखती है. रोज साबुन और शैंपू का उपयोग इन तेलों को हटा देता है, जिससे त्वचा और बाल सूख सकते हैं.
रोज नहाने की जरूरत अक्सर उस जगह के मौसम और व्यक्ति के शरीर से पसीने के आने पर निर्भर करती है. गर्म मौसम या उमस भरे वातावरण में, हमारा शरीर ज्यादा पसीना छोड़ता है. पसीना, जो कि शरीर का नेचुरल कूलिंग सिस्टम है, जब अधिक मात्रा में निकलता है, तो यह धूल और गंदगी के साथ मिलकर त्वचा पर जमा हो जाता है. इससे त्वचा पर रैशेज, इंफेक्शन और अन्य त्वचा सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं.
इसके विपरीत, ठंडे मौसम में, जब पसीना कम आता है, तो रोज़ नहाने की जरूरत कम हो सकती है. इस समय में अधिक नहाने से त्वचा की प्राकृतिक नमी खो सकती है, जिससे ड्राईनेस और खुजली हो सकती है.