चिल्का झील से लेकर लक्षद्वीप तक, भारत की 5 मशहूर जगह जहां आपको आसानी से दिख सकती है डॉल्फिन
भारत की डॉल्फिन राजधानी कही जाने वाली उड़ीसा की चिल्का झील दुर्लभ इरावडी डॉल्फिन देखने के लिए देश की सबसे मशहूर जगह है. गोल सिर और पानी में खेलते हुए नजर आने वाली डॉल्फिन की यह प्रजाति सबसे ज्यादा सतपाड़ा और रंभा इलाके के पास दिखाई देती है. वहीं यहां डॉल्फिन देखने के लिए नवंबर से फरवरी तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है, जब प्रवासी पक्षी भी झील की खूबसूरती को बढ़ा देते हैं.
वहीं समुद्र तटों और छुट्टियों के लिए मशहूर गोवा डॉल्फिन देखने के लिए भी पसंदीदा जगह है. यहां के समुद्र में इंडो पैसिफिक, हंपबैक और बॉटलनोज डॉल्फिन अक्सर दिखाई देती है. यह खासतौर पर सिंगैरियम, कैंडोलिम, कलंगुट और पालोलेम बीच के आसपास आसानी से देखी जा सकती है. डॉल्फिन देखने के लिए गोवा में अक्टूबर से मई का समय सबसे सही माना जाता है.
लक्षद्वीप का साफ और शांत पानी स्पिनर और कॉमन डॉल्फिन देखने के लिए बेहतरीन जगह मानी जाती है. पानी में छलांग लागते और घूमते हुए इन डॉल्फिन को देखना किसी वाइल्ड लाइफ लवर के लिए एक अलग ही अनुभव होता है. लक्षद्वीप में नवंबर से मार्च का सुखा मौसम डॉल्फिन देखने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
अंडमान और निकोबार के साफ समुद्री पानी में भी बॉटलनोज, स्पिनर और इंडो पैसिफिक हंपबैक डॉल्फिन अक्सर दिखाई देती है. खासतौर पर हैवलॉक आईलैंड और नॉर्थ बे डॉल्फिन क्रूज के लिए मशहूर है. यहां डॉल्फिन देखने का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल तक का माना जाता है.
इनके अलावा बिहार में गंगा नदी के सुल्तानगंज से कहलगांव तक फैले विक्रमशिला गेंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी में दुर्लभ गंगा की मीठे पानी वाली डॉल्फिन पाई जाती है. यह प्रजाति स्वभाव से लगभग अंधी होती है और गुंज की मदद से रास्ता पहचानती है. इसे भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव भी माना गया है. अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां डॉल्फिन देखने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.