भारत के ऐसे मंदिर जो समुद्र किनारे हैं मौजूद, बार-बार जाने का करेगा मन
कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा के कोनार्क नगर में स्थित है और यह समुद्र के किनारे पर है. यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और इसका निर्माण 13वीं सदी में हुआ था. मंदिर की विशेषता उसकी विशाल रथमहल (रथ) और देवालय की रेखाएँ हैं जो सूर्य के अक्षांश को दर्शाती हैं.
कन्याकुमारी मंदिर तमिलनाडु में स्थित है और यह भारतीय उपमहाद्वीप की सर्वदक्षिण निकटतम भूमि पर है. इस मंदिर का समुद्र के किनारे पर स्थान है और यह महाकाली को समर्पित है. यहां से सूर्यास्त का दृश्य अद्वितीय है.
महाबलीपुरम के रथ मंदिर समुद्र के किनारे पर स्थित हैं और ये पल्लव राजवंश के शासकों द्वारा बनाए गए हैं. यह विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और इसमें चार प्रमुख रथ हैं, जो महाबलीपुरम के बीच बाला मंदिर के साथ संबंधित हैं.
गोकर्णनाथ मंदिर कर्नाटक के गोकर्ण शहर में स्थित है और यह भी समुद्र के किनारे पर है. यह भगवान शिव को समर्पित है और गोकर्ण तीर्थ के रूप में प्रमुख है.
मुरुडेश्वर मंदिर भी समुद्र के किनारे पर स्थित है और यह कर्नाटक के मुरुडेश्वर नगर में है. यह भगवान शिव को समर्पित है और विश्व का दैत्यासुर राजा रावण के द्वारा बनाए गए एक विशाल शिव भगवान की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है.