मौत के बाद क्या होता है? स्वर्ग, नर्क और पुनर्जन्म की अवधारणा पर 10 धर्मों के रहस्यमय जवाब!
कभी आपने सोचा है कि, मौत के बाद क्या होता है? एक ऐसा सवाल जिसके बारे में इंसान हमेशा से ही सोचते आ रहे हैं. धर्म हमारे इस सवाल का जबाव दे सकता है, स्वर्ग, नरक या पुनर्जन्म जैसी मान्यताओं के साथ. दुनिया भर में करीब 4000 धर्म हैं और मरने के बाद क्या होता है? इस बारे में लगभग उतनी ही मान्यताएं हैं. 20 प्रमुख धर्मों के मुताबिक मौत के बाद की मान्यताओं के बारे में जानते हैं.
ईसाई धर्म हमें बताता हैं कि, मौत अंत का प्रतीक नहीं, बल्कि मरने के बाद नई जिंदगी मिलने का है. ईसाई धर्म के लोग मानते हैं कि, हर प्राणी में आत्मा निवास करती है और मरने के बाद भगवान उनका न्याय करेंगे. बहुत से लोगों का मानना है कि, आप या तो स्वर्ग जाते हैं या नर्क.
इस्लाम सिखाता है कि, मौत से डरने की बजाए उसे स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यह अंत नहीं है. उनका मानना है कि, अल्लाह इंसान की आत्मा लेने के लिए एक फरिशता भेजते हैं और कुछ समय बाद दो अन्य फरिश्ते विश्वास की परीक्षा लेते हैं. मुस्लिमों का मानना है कि, अगर आप पाक (पवित्र) होते हैं तो आपको कयामत के दिन का इंतजार करने के लिए बरजख भेजा जाएगा.
अधिकतर हिंदूओं का मानना है कि, इंसान मौत और पुनर्जन्म के एक चक्र से गुजरता है, जिसे संसार या पुनर्जन्म कहते हैं. इसान दूसरे शरीर और यहां तक की किसी जानवर के रूप में भी दोबारा पैदा हो सकता है. कुछ हिंदूओं का मानना है कि, इंसान मोक्ष के सहारे पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पा लेता है.
बौद्ध धर्म के अनुसार, जीवन और मृत्यु लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. एक बार मौत होने के बाद आत्मा चलती रहती है और एक से ज्यादा बार जन्म ले सकती है. बहुत से लोगों का मानना है कि, पुनर्जन्म कब, कहां और कैसे होता है यह व्यक्ति के जमा हुए कर्मों से निर्धारित होता है.
सिखों का मानना है कि, मौत के बाद आत्मा अपने कर्मों के आधार पर पुनर्जन्म प्राप्त करती है और भगवान का ध्यान करने के साथ अंहकार पर कंट्रोल करने पर पुनर्जन्म चक्र से मुक्ति मिल सकती है.
यहूदी धर्म में मरने के बाद की जिंदगी को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. यहूदी धर्म के अनुसार, मौक इंसान के होने का अंत नहीं है. मरे हुए लोगों का फिर से जीवत हो जाना भी इस धर्म के एक बुनियादी विश्वास की कहानी है.
बहाई धर्म बताता है कि, मरने के बाद आत्मा अपनी यात्रा लगातार जारी रखती है, रूहानी दुनिया से गुजरने के साथ शरीर मिट्टी में मिल जाए, लेकिन आत्मा आजादी और खुशी महसूस करती है. बहाई मानते हैं कि, आत्मा की तरक्की में भगवान की कृपा और जिंदा लोगों के नेक कर्मों और प्रार्थनाओं से सहायता मिलती है. मौत को डरने वाली चीज के तौर पर नहीं देखा जाता है.
जैन धर्म, जो भारत का एक प्रमुख धर्म होने के साथ दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है. जैन धर्म के अनुसार, आत्मा हमेशा रहती हैं और जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से गुजरती है. आत्मा को कर्म से स्वतंत्र करके मुक्ति पाना है, जो उसे पुनर्जन्म के चक्र से बांधता है. जैन मानते हैं कि, अच्छे कर्म का रास्ता पूरी तरह से अहिंसक जीवन जीना है.
जोरोस्ट्रियन धर्म के अनुसार, मौत के बाद आत्मा का चिनवट ब्रिज पर न्याय होता है, जो या तो स्वर्ग ले जाता है या फिर नर्क की ओर. जोरोस्ट्रियन धर्म अच्छे विचार, अच्छी बातें और अच्छे कर्मों पर विश्वास करता है. उनके मुताबिक सभी आत्माएं समय के आखिर में शुद्ध हो जाएंगी और भगवान के पास लौट जाएंगी.
जापान में शुरुआत हुई शिंटो धर्म, जो एक स्थानीय धर्म होने के साथ दुनिया भर में इसके करीब 3 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. मरने के बाद जिंदगी के बारे में शिंटो नजरिया इस विचार के इर्द-गिर्द घूमता है कि, ,आत्मा शरीर की मौत के बाद भी जीवित रहती है और जिंदा लोगों की सहायता करती है. इस धर्म को मानने वाले को कहना है कि, मरने के बाद इंसान पवित्र आत्मा बन जाते हैं.