Wednesday Vrat: कब शुरू करना चाहिए बुधवार व्रत? जानें क्या है नियम और लाभ
बुधवार व्रत कब से शुरू करें - धर्म ग्रंथों के अनुसार किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से इस व्रत की शुरुआत करना उचित माना गया है. मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत की संख्या 7 या 21 होनी चाहिए. आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस व्रत को शुरु नहीं करना चाहिए.
बुधवार व्रत के नियम - व्रतधारी बुधवार व्रत वाले दिन नमक से युक्त भोजन ग्रहण न करें. फलाहार ले सकते हैं और पूजा के बाद शाम को प्रसाद खाकर ही व्रत का पारण करें.
बुधवार व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा में हरे वस्त्र पहने. साथ ही जरुरतमंदों को हरे मूंग की दाल, वस्त्र आदि दान करें.
बुधवार व्रत विधि - इस दिन सुबह प्रात: काल स्नानादि से निवृत्त होकर सामर्थ्य अनुसार व्रत का संकल्प लें. गणपति जी की षोडोपचार से पूजा करें. उन्हें रोली, मौली, अक्षत, जनेऊ, दूर्वा, दीपक, धूप, फूल, अर्पित करें. मोदक या मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं. बुधवार व्रत की कथा पढ़ें.
बुधदेव का स्मरण करने बुध यंत्र की पूजा करें. जल में हरी इलायची और कपूर मिलाकर बुध देवता को अर्घ्य दें. ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाये नम:’ मंत्र का 5 माला जाप करें. साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें और फिर आरती कर. गरीबों को दान दें