Shardiya Navratri 2022: मां दुर्गा के 7 दिव्य अस्त्र-शस्त्र का रहस्य, जानें किस देवता ने क्या भेंट किया
धनुष-बाण - मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मां ने अपने हाथों में जो धनुष और बाण लिए हैं वह सूर्य देव और पवन देव की देन है. इन दोनों को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
तलवार-फरसा- मां काली ने चंड-मुंड का विनाश करने के लिए तलवार और फरसे का उपयोग किया था. इस युद्ध में देवी ने अपनी तलवार से कई असुरों की बलि ली थी. भगवान गणेश ने जगत जननी को तलवार भेंट की थी. तलवार की तेज धार और चमक ज्ञान का प्रतीक है. वहीं फरसा विश्वकर्मा जी ने उपहार में दिया था. ये बुराई से लड़ने का प्रतीक है.
त्रिशूल - मां दुर्गा को महिषासूर मर्दिनी भी कहा जाता है. कहते हैं देवी ने भगवान शिव के द्वारा दिए त्रिशूल से ही महिषासुर का वध किया था. त्रिशूल के तीन शूल में तीन तरह की शक्तितां हैं - सत, रज और तम.
भाला - अग्नि देव ने उपहार में माता को भाला दिया था. देवताओं को असुरों से बचाने के लिए मां दुर्गा ने इसी अस्त्र का उपयोग कर दैत्यों को मारा था.
चक्र - भगवान विष्णु के हाथों की शोभा बढ़ाता सुदर्शन चक्र श्रीहरि ने मां दुर्गा को दिया था. सुदर्शन चक्र दूरदर्शिता और द्दढ़ संकल्प का प्रतीक है. मां दुर्गा की तर्जनी में घूमता सुदर्शन चक्र इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया उनके अधीन है.
शंख - वरुण देव के द्वारा मां दुर्गा को दिए शंख नाद से दैत्य और असुर मूर्छित हुए थे. देवी दुर्गा जब युद्ध भूमि में शंख नाद करती हैं तो तीनों लोक कांप उठते हैं. शंख के नाद से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है.
धंटा - ऐरावत हाथी के गले से एक घंटा उतारकर देवराज इंद्र ने मां दुर्गा को भेंट किया था. देवी दुर्गा ने घंटे के नाद से दैत्यों का नाश किया था.