Shani Dev: शनि देव किसके पुत्र हैं? जानिए पिता से मतभेद की असली वजह क्या थी?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शनि देव न्याय के देवता और कर्मफलदाता माने जाते हैं. वहीं सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहा गया है. दोनों के बीच पिता-पुत्र का रिश्ता है, लेकिन फिर भी उनके बीच मतभेद रहा.
धार्मिक पुराणों में बताया गया है कि, शनि देव, सूर्य देव के पुत्र हैं. इसके बावजूद उनके संबंध सामान्य नहीं हैं. इसके पीछे पौराणिक कथा के अनुसार शनिदेव का काला होना है.
कथा के अनुसार, सूर्य देव की पत्नी संज्ञा उनके तेज को सहन नहीं कर सकी. इसलिए उन्होंने अपनी परछाईं यानी छाया को सूर्य की सेवा में छोड़ दिया. और खुद भगवान शिव की तपस्या करने चली गई. बाद में छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ.
जब शनि देव गर्भ में थे, उस समय छाया कठोर तप कर रही थीं. उसी तप के कारण शनिदेव का रंग गहरा काला हुआ और उनका स्वभाव भी तपस्वी बन गया.
इसके बाद सूर्य देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने छाया से क्षमा मांगी. वैदिक ज्योतिष में शनि की साढ़ेसाती को जीवन का कठिन दौर माना गया है. इस समय में व्यक्ति को कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. लेकिन यही समय इंसान को मजबूत और जागरूक भी बनाता है.इसके बाद सूर्य देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने छाया से क्षमा मांगी. वैदिक ज्योतिष में शनि की साढ़ेसाती को जीवन का कठिन दौर माना गया है. इस समय में व्यक्ति को कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. लेकिन यही समय इंसान को मजबूत और जागरूक भी बनाता है.
कहा जाता है कि, जब सूर्य देव ने अपने पुत्र को देखा, तो उन्हें संदेह हुआ कि यह उनका पुत्र नहीं है. उन्होंने छाया का अपमान किया. अपनी माता का अपमान देखकर शनिदेव क्रोधित हो गए और यही घटना पिता-पुत्र के बीच दूरी की वजह बनी.