Musicians of Heaven: कौन थे स्वर्ग के संगीतकार? जानिए इन दिव्य कलाकारों के बारे में जिनकी कहानियां आज भी हैं रहस्यमी!
क्या आप जानते हैं स्वर्ग में देवताओं के संगीतकार गंधर्व को कहा जाता है. गंधर्व दिव्य संगीतकार होने के साथ साथ गायक और नर्तक भी हैं. जिन्हें उनकी असाधारण सुंदरता और अप्सपराओं के साथ संबंधों के लिए जाना जाता है.
वे देवताओं के दरबारों में गाने और नाचने का काम करते थे. अर्थर्ववेद में उनके 6 हजार से ज्यादा सदस्यों का उल्लेख मिलता है. उनकी उत्पत्ति को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. कोई उन्हें प्रजापति, कुछ उन्हें ब्रह्मा और कुछ ऋषि कश्यप का वंशज मानते हैं.
गंधर्वों में सबसे चर्चित नाम तुंबुरु का है. उनका सिर घोड़े और शरीर इंसान का था. वे इंद्र और कुबेर के दरबार में विष्णु की स्तुति गाते थे. उनका नाम तंबूरा या तानपुरा के नाम पर पड़ा है. तुंबुरु की नारद मुनि के साथ प्रतिद्वंद्वित रहती थी. उन्होंने ने ही अप्सरा रंभा को नाचना सिखाया था. उनकी कहानियां दिव्य संगीत और नृत्य कला के प्रति सच्चे समर्पण को दर्शाती है.
रामायण काल में एक गंधर्व विश्वावसु का उल्लेख मिलता है.जिसने इंद्र पर आक्रमण किया था. इंद्र के श्राप ने उसे राक्षस बना दिया था. वह पृथ्वी लोक पर सालों तक कबंध के राक्षस के रूप में भटकता रहा. उसने वन में राम और सीता की खोज से रोकने का प्रयास किया था. बाद में राम लक्ष्मण के हाथों उसे मुक्ति मिली.
महाभारत में गंधर्वराज चित्रसेन का जिक्र देखने और सुनने को मिलता है. गंधर्वराज ने ही कौरवों को हराकर बंदी बनाया था. दुर्योधन और कर्ण पांडवों का अपमान करने जंगल गए थे, जहां गंधर्वराज चित्रसेन पहले से ही मौजूद था. गंधर्वराज और दुर्योधन के बीच युद्ध हुआ जिसके बाद युधिष्ठिर के आदेश पर अर्जुन ने कौरवों को छुड़ाया था. चित्रसेन ने बाद में अर्जुन को सम्मोहन अस्त्र और संगीत सिखाया था.