Mokshada ekadashi 2022: मोक्षदा एकादशी पर इन कामों को करने की भूल न करें, रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी
मोक्षदा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा में पुराने, बासी या किसी से मांगे या चुराए हुए फूल न चढ़ाएं. ऐसे करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है. भले ही एक फूल चढ़ाएं लेकिन वह ताजा होना चाहिए. वैसे कमल और कुमुद के फूल पांच दिनों तक बासी नहीं होते.
एकादशी पर भगवान विष्णु की प्रिय चीजें उन्हें अर्पित करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जो श्रीहरि की पूजा में वर्जित हैं जैसे अक्षत, अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल
एकादशी पर दान हजारों पुण्य के समान है लेकिन दान का फल तभी मिलता है जब निस्वार्थ भाव से किया हो. अगर वस्त्रों का दान कर रहे हैं तो ध्यान रखें पुराने, फटे कपड़े न हों. ऐसा दान करने से पुण्य की जगह पाप लगता है.
मान्यता के अनुसार मोक्षदा एकादशी व्रत के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी नहीं काटना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है. क्रोध का त्याग, ब्रह्मचर्य का पालन करें
ध्यान रहे एकादशी व्रत दशमी तिथि से शुरू हो जाता है और द्वादशी तिथि खत्म होने से पहले इसका पारण कर लेना चाहिए नहीं तो व्रत व्यर्थ चला जाता है.
एकादशी पर कंद, चावल, लहसून, प्याज, मसूर की दाल, बैंगन खाने से परहेज करें. इस दिन इनका सेवन करने से व्रत का फल नहीं मिलता. जिन्होंने व्रत नहीं किया वह भी एकादशी इन चीजों न खाएं.
एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी दल न तोड़े, इससे देवी लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं और धन हानि होती है. पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाने के लिए इसे एक दिन पहले ही तोड़ लें.