Karnataka Mandir: दक्षिण का काशी किस मंदिर को कहते हैं? कर्नाटक के 5 प्रसिद्ध मंदिर की रोचक बातें, जानें
मुरुदेश्वर मंदिर (Murudeshwar Temple) - मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है. ये मंदिर भटकल में कंडुका पहाड़ी पर स्थित है. जहां महादेव की विशाल मूर्ति स्थापित है. कहते हैं कि भगवान शंकर की इस बड़ी प्रतिमा को बनाने में तकरीबन 2 साल लगे थे.
श्रीकृष्ण मंदिर (Krishna Temple, Udupi) - कर्नाटक के उडुपी शहर में कन्हैया का एक बेहद विलक्षण मंदिर है. 13वीं सदी में वैष्णव संत श्री माधवाचार्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी. मान्यता है कि प्राचीन काल में कृष्ण के भक्त कनकदास को यहां कन्हैया के दर्शन करने पर रोक दिया था. ऐसे में कृष्ण कृपा से कनकदास ने मंदिर में स्थित एक छोटी सी खिड़की से कान्हा के दर्शन किए, तभी से यहां परंपरा बन गई कि मूर्ति को सीधे न देखते हुए, खिड़की से कन्हैया के दर्शन किए जाते हैं.
विठ्ठल मंदिर (Vitthal Temple, Hampi) - हम्पी का विट्ठल मंदिर 16वीं शाताब्दी की अद्भुत संरचना है. मंदिर के अलंकृत स्तंभों, बारीक नक्काशियों और रंगा मंडप के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में 56 संगीतमय स्तंभ है. कहते हैं इन पिलर पर थपथपाने से संगीत निकलता है. विठ्ठला मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है.
गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर (Mahabaleshwar Temple, Gokarna)- इस मंदिर का वर्णन रामायण और महाभारत में भी मिलता है. गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर को दक्षिण का काशी माना जाता है इसलिए इसे इसे दक्षिण काशी की उपाधि मिली हुई है. शिव को समर्पित ये मंदिर द्रविड़ वास्तुकला उत्कृष्ट उदाहरण है.
विद्याशंकर मंदिर (Vidhya Shankar Temple)- श्रृंगेरी में स्थित विद्याशंकर मंदिर, आदि शंकराचार्य को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हिंदू दर्शन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 13वीं शताब्दी में बना ये मंदिर प्राचीन दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक असाधारण उदाहरण है. मंदिर की दीवारों पर पत्थर की नक्काशी विभिन्न पौराणिक कहानियों को दर्शाती है.