Kaal bhairav jayanti 2022: काल भैरव जयंती पर गलती से भी न करें ये 5 काम, नहीं तो शुरु हो जाएगा बुरा समय
काल भैरव की पूजा किसी का अनिष्ट करने के लिए न करें. धार्मिक मान्यता के अनुसार इन्हें दंडाधिपति कहा जाता है. बुरे विचार से इनकी आराधना करने पर भविष्य में नुकसान झेलना पड़ता है.
काल भैरव जयंती के दिन कुत्ते, गाय या किसी भी जानवर को परेशान न करें. कहते हैं इससे बाबा भैरव नाराज हो जाते हैं और व्यक्ति का बुरा समय शुरू हो जाता है.
गृहस्थ लोगों के भैरव बाबा की सात्विक पूजा का विधान है. तांत्रिक पूजा भूलकर भी न करें.
काल भैरव का पूजन के दिन मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन न करें. इसे अशुभ माना जाता है. कहते हैं कि अनैतिक काम करने वाले लोगों को भगवान काल भैरव दंड देने से भी नहीं चूकते हैं.
काल भैरव जयंती के दिन किसी को भी कष्ट न पहुंचाएं, बुजुर्गों का अनादर न करें, अपशब्द न बोलें. अहंकार का विचार न लाएं. पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन काल भैरव ने ब्रह्म देव के पांचवे मुख को धड़ से अलग कर उनका घमंड चूर-चूर किया था.
कहते हैं कि काल भैरव की पूजा से अकाल मृत्यु का भय, नकारात्मक शक्ति से छुटकारा मिलता है. शिव के गण काल भैरव अपने भक्तों की स्वंय रक्षा करते हैं.
काल भैरव की आराधना से ग्रह और शत्रु बाधा खत्म हो जाती है. काल भैरव जयंती के दिन सरसों के तेल का दीपक लगाकर कालभैरवष्टक का पाठ करें.