Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा के इस दोहे से होगा हर समस्या का समाधान, नहीं रहेगी किसी चीज की कमी
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल-बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। - हनुमान चालीसा के इस दोहे में इतनी शक्ति है कि इसके उच्चारण से व्यक्ति के कष्ट खत्म होते हैं.
इस दोहे का नियमित रूप से जाप करने पर मनुष्य कोबल, बुद्धि, विद्या की प्राप्ति होती है. बुद्धि की बदोलत मनुष्य मुश्किल घड़ी से स्वंय को बाहर निकाल लेता है. विद्या इंसान को मान-सम्मान दिलाती है. धन का अभाव नहीं रहता.
इस दोहे के जाप से मनुष्य को आत्मबल मिलता है. आत्मबल से युक्त व्यक्ति कभी हाताश-निराश नहीं होता और पूरी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है और सफल होता है.
इस दोहे का अर्थ है - 'हे पवनपुत्र। मैं खुद को बुद्धिहीन मानता हूं और आपका ध्यान, स्मरण करता हूं। आप मुझे बल-बुद्धि और विद्या प्रदान करें। साथ ही मेरे सभी कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिए.
सुबह स्नान आदि करने के बाद नियमित रूप से हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष इस मंत्र का 108 बार जाप करें.
यदि रोजाना संभव न हो तो सिर्फ मंगलवार और शनिवार को भी इस दोहे का जाप कर सकते हैं. इस चौपाई का जाप तुलसी की माला से करें.