Guru Pushya Yog 2023: 27 अप्रैल को पुष्य योग के दिन बन रहें हैं 3 शुभ योग, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
27 अप्रैल को गुरु पुष्य योग के साथ कई और शुभ योग बन रहे है. पुष्य शब्द का शाब्दिक अर्थ है- पोषण करना. ऋगवेद में पुष्य नक्षत्र को शुभफल प्रदाता, समृद्धिकारक एवं मंगलकर्ता नक्षत्र माना गया है.
इस नक्षत्र में किए गए कार्यों से सर्वोत्तम फलों की प्राप्ति होती है. इस बार गुरू पुष्य नक्षत्र का संयोग 27 अप्रैल की सुबह 7 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.
इस दिन शनिदेव कुंभ राशि में, चंद्रमा कर्क राशि में और सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष में विराजमान रहेंगे. इन 2 ग्रहों का अपनी ही राशि में होना काफी शुभ है.
शुभ योग और ग्रहों की स्थिति देखें तो इस दिन सर्वार्थसिद्धि, धृति योग और बुधादित्य योग रहने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा. पुष्य नक्षत्र सभी नक्षत्रों में श्रेष्ठ होने के साथ-साथ स्थाई होता है. यानी इस नक्षत्र में किए गए कामों में स्थायित्व का भाव होता है.
पुष्य नक्षत्र में ऐसे काम करने चाहिए जो लंबे समय तक चलें, जिनमें बदलाव करने की इच्छा न हो. यानी जिनकी स्थिरता चाहते हैं. गुरु पुष्य नक्षत्र के इस शुभ संयोग में यात्रा शुरू करना. विद्या ग्रहण करना, नए शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेना हो या फिर गुरु से मंत्र शिक्षा पाना, आध्यात्मिक उन्नति, धार्मिक अनुष्ठान, राजकीय कार्यों में सफलता दिलाने के साथ ही ये योग लीडरशीप क्वालिटी भी बढ़ाता है.