Vastu Shastra: छठ पूजा में सही दिशा के चुनाव से खुलेगी आपसी किस्मत, मिलेगा कई गुना फल
छठ व्रत हिन्दू धर्म का पवित्र पर्व है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इसमें सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है, जो जीवन में ऊर्जा और समृद्धि लाते हैं.
वास्तु के अनुसार सूर्य पूजा के लिए पूर्व दिशा सर्वोत्तम मानी गई है. इस दिशा में पूजा करने से जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और मन की शांति मिलती है.
छठ व्रती नदी, तालाब या घर के खुले स्थान में हमेशा पूर्व की ओर मुख करके खड़े हों या बैठें. पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है, इसलिए यह सकारात्मक ऊर्जा के संचार को बढ़ाता है.
पूर्व के साथ उत्तर दिशा का उपयोग भी बहुत लाभकारी माना जाता है. उत्तर दिशा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे धन और समृद्धि का आगमन होता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में जल या अर्घ्य अर्पित करना शुभ होता है. इससे परिवार निरोग और खुशहाल रहता है.
दक्षिण दिशा का उपयोग करने से बचना चाहिए. इस दिशा को हिंदू धर्म में ठीक नहीं माना गया है. पश्चिम दिशा में पूजा करना कम शुभ माना गया है. इसलिए अघ्र्य हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके देना चाहिए.