Annapurna Jayanti 2022: आज अन्नपूर्णा जयंती पर न करें ये काम, वरना खाली हो जाएंगी धन-अन्न के भंडार
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर देवी पार्वती ने देवी अन्नपूर्णा के रूप में अवतार लिया था. अन्नपूर्णा जयंती अन्न के महत्व को समझने का पर्व है. इस दिन लोग खासकर रसोई की साफ सफाई करते हैं.
नमक - शास्त्रों के अनुसार अन्नपूर्ण जयंती के दिन नमक युक्त भोजन नहीं बनाना चाहिए. साथ है मान्यता है कि इस दिन उधार में किसी से भोजन सामग्री न लें. स्वंय की कमाई से खरीदी सामग्री से ही प्रसाद बनाएं
अन्न का अनादर - अन्न का अपमान देवी अन्नपूर्णा का अनादर माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार जो अन्न की कदर नहीं करता वहां देवी लक्ष्मी का वास नहीं होता. अन्न के साथ धन की भी कमी हो जाती है.
घर आए मेहमान का तिस्कार - अन्नपूर्णा जयंती के दिन अगर कोई निर्धन व्यक्ति, पशु-पक्षी आपके द्वार पर आता है तो उसे भगाएं नहीं. इन्हें भोजन कराएं या अपनी श्रद्धा से उस दिन प्रसाद के लिए बनाया भोग बांटें. इस दिन घर आए प्राणी को खाली हाथ लौटाना अशुभ माना जाता है.
रसोई गंदी न रखें - अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोई में गलती से भी गंदगी न होने दें. शास्त्रों के अनुसार वैसे तो रोजाना ही नहाने के बाद रसोई में प्रवेश करना चाहिए लेकिन इस पवित्र दिन बिना स्नान किए खाना न बनाएं. इंससे देवी लक्ष्मी रुठ जाती हैं.
मांस-मदिरा - अन्नपूर्णा जयंती पर तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिए. लहसून, प्याज, मदिरा का सेवन भी वर्जित है. कहते है ऐसा न करने पर भविष्य में पूरे घर के खाने के लाले पड़ जाते हैं