फैशन में लगा रखा है घर में कम रोशनी वाली लाइट तो जानें इसमें काम करने का नुकसान
आजकल कम रोशनी वाली लाइटिंग एक फैशन बन गई है. बार, रेस्टोरेंट, होटल सभी में धुंधली लाल या नीली रोशनी वाली लाइटें लगाई जा रही हैं. लोग अपने घरों में भी कम रोशनी वाले बल्ब और लाइटें लगाना पसंद कर रहे हैं. यह माहौल को रोमांटिक और आकर्षक बनाता है.
कम रोशनी कई लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है. यह चिंता, अवसाद और भावनात्मक गिरावट का कारण बन सकती है.
कम रोशनी में काम करने से नींद के चक्र में भी बाधा आ सकती है. प्राकृतिक प्रकाश हमारे शरीर के चक्र को संतुलित करने में मदद करता है, और इसकी कमी से नींद न आने की समस्या हो सकती है.
कम रोशनी में लंबे समय तक काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है, जिससे आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं. यह आंखों को जलन, सूखी महसूस करने और धुंधला दिखाई देने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.
कम रोशनी में काम करते समय हम जो भी कर रहे होते हैं, उसे साफ तौर पर देख पाना मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से जब हम कमरे में कम रोशनी होती है, और हम किसी लिखाई कर रहे होते हैं, तो पेन या पेंसिल की नोक ठीक से दिखाई नहीं देती. या कोई काम करते हैं तो हमें झुक कर देखना पड़ता है इस वजह से बैठने का सही मुद्रा न बन पाने से पीठ, गर्दन और कंधों में दर्द और थकान महसूस होने लगती है.