किडनी के मरीजों को डाइट में हाई प्रोटीन नहीं लेना चाहिए, जानें क्यों?
किडनी मरीजों के लिए डाइट में प्रोटीन की मात्रा पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी होता है. किडनी का मुख्य कार्य शरीर से नाइट्रोजन युक्त विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना होता है. लेकिन, किडनी के रोग होने पर यह अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती.
जब हम ज्यादा मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो प्रोटीन का अपघटन होकर यूरिया, क्रिएटिनाइन जैसे विषाक्त नाइट्रोजन युक्त पदार्थ बनते हैं. जब किडनी कमजोर होती है तो वह इन विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने में असमर्थ हो जाती है. इन विषाक्त पदार्थों का जमाव किडनी में होने लगता है जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुचा सकता है.
ज्यादा प्रोटीन से शरीर में प्रोटीन के विषैले उत्पाद जमा हो जाते हैं. कमजोर किडनी इन विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में असमर्थ होती है.
विषैले पदार्थ शरीर में जमा होकर किडनी पर दबाव डालते हैं और धीरे-धीरे उसे नुकसान पहुंचाते हैं. यही प्रोटीन का जहरीला मल कहलाता है. इसलिए किडनी रोगियों को डॉक्टर की सलाह पर ही प्रोटीन लेना चाहिए और ज्यादा प्रोटीन से बचना चाहिए. यह किडनी को हेल्दी रखेगा
जब हम ज्यादा प्रोटीन वाली चीजे खाते हैं जैसे - मांस, मछली, अंडे , दाल आदि तो इससे यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बनने लगती है. और यह गुर्दे में जमा होता है इससे गुर्दे में पथरी और जोड़ों में भी दर्द और सूजन आती है.