बढ़ते प्रदूषण के कारण नवजात शिशुओं का घुट रहा है दम तो यह टिप्स आ सकते हैं काम
हवा में बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर नवजात शिशुओं पर पड़ रहा है. नवजात शिशु के फेफड़े अभी पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं. प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें होती हैं. ये गैसें नवजात के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं.इसके वजह से नवजात में सांस लेने में तकलीफ होती है और उनका दम घुटने लगता है. यदि सही समय पर इलाज नहीं मिला तो गंभीर मामलों में नवजात की मृत्यु भी हो सकती है. इसलिए, साफ हवा लेना बहुत जरूरी है.
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाना नवजात शिशु को प्रदूषण से बचाने का एक अच्छा तरीका है.
नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए यह बहुत जरूरी है कि ज्यादा बाहर न ले जाएं.ऐसे जगहों पर ले जाने से बचें. प्रदूषण से सीधा संपर्क नवजात के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए प्रदूषण से बचाव बेहद ज़रूरी है.
नवजात शिशु के कमरे में कुछ हरी पौधे लगाना वायु प्रदूषण से बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है. पौधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
मां का दूध नवजात के फेफड़ों और श्वसन तंत्र के स्वस्थ विकास में मदद करता है.