Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी में विटामिन डी लेना क्यों जरूरी है आप भी जान लीजिए
प्रेग्नेंसी में विटामिन डी की कमी होने से हमेशा थकान महसूस होती है. लगातार हड्डियों में दर्द होता है. मसल्स में दर्द और ऐंठन के साथ कमजोरी ,मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है.
शरीर में विटामिन डी की कमी होने से ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे मां को डायबिटीज का खतरा हो सकता है.
विटामिन डी की कमी के कारण प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.यह समस्या प्रेगनेंसी के 20 वें सप्ताह में पता चलता है.
विटामिन डी की कमी होने के चलते भ्रूण का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है, जिस वजह से बच्चा कमजोर पैदा होता है और उसे कई तरह की समस्याएं बाद में फेस करनी पड़ती है.
विटामिन डी का मुख्य स्रोत ही धूप है लेकिन अगर आप धूप नहीं ले पा रही हैं या कम ले पा रही हैं, तो आप दूध, दही, पनीर, सैलमन, मछली, अंडा, अनाज संतरा का सेवन करें.
प्रेगनेंसी में विटामिन डी लेने से मां के साथ-साथ बच्चों की भी इम्यूनिटी मजबूत होती है. हड्डियां मांसपेशियों और दांत भी स्वस्थ होते हैं.
अगर प्रेगनेंसी में विटामिन डी कम नहीं हुआ तो डिलीवरी के वक्त सर्जरी से भी बच सकती हैं.प्रेग्नेंट महिलाओं को रोजाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी के सप्लीमेंट की जरूरत होती है. इस तरह से आप अपने डिलीवरी के साथ-साथ डिलीवरी के बाद 6 महीने तक बच्चे की भी विटामिन डी की जरूरत को पूरा कर सकती है.