Diabetes: डायबिटीज मरीजों के लिए वजन कंट्रोल में रखना क्यों होता है मुश्किल? जानें
डायबिटीज मरीज को अपनी लाइफस्टाइल को बैलेंस करना बेहद जरूरी है.इसका हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है. डायबिटीज मरीज के लिए वजन कंट्रोल करना बेहद मुश्किल होता है. जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होता है तो शुरुआत में वजन तेजी से घटता है. और फिर बाद में बढ़ने लगता है. एक टाइम के बाद डायबिटीज के मरीजों के लिए वजन कंट्रोल बेहद मुश्किल होता है.
जिन लोगों की डायबिटीज काफी ज्यादा बढ़ी हुई है उन्हें इंसुलिन की जरूरत पड़ती है. इंसुलिन ग्रोथ हार्मोन का असर इंसान के वजन पर भी पड़ता है. यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए वजन कंट्रोल करना बेहद मुश्किल है. इसका साफ मतलब है कि डायबिटीज मरीज वजन घटा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें सही डाइट और लाफस्टाइल को फॉलो करना होगा.
टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है कि वह सही वक्त पर इंसुलिन लें, कितना और किस समय इंसुलिन लेना है वह तय करें. इसकी सही सेटिंग करें. क्योंकि अगर ट्रीटमेंट में हल्की सी लापरवाही हुई. तो वजन बढ़ने का रिस्क बढ़ सकता है.
डायबिटीज के मरीज हमेशा बैलेंस डाइट लें. अगर आपका खानपान ठीक रहेगा तो दूसरी बीमारियों का जोखिम भी कम होगा. डायबिटीज के मरीज को अगर किसी चीज से एलर्जी है तो इस खास बात का पूरा ध्यान रखें.
डायबिटीज मरीज को फिजिकली एक्टिव रहना बेहद जरूरी है. इसलिए उन्हें रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए. ताकि वह हमाशा फ्रेश फिल करें. ऐसी चीजों से दूरी बनानी चाहिए जिससे उनके हेल्थ को रिस्क हो.