शुगर से लेकर स्लीप तक… इन 5 बदलावों से बढ़ सकती है आपकी लाइफस्पैन
एक्सपर्ट्स के अनुसार बढ़ती उम्र में मांसपेशियों को मजबूत रखने और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखने में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूरी भूमिका निभाती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रेगुलर रेजिस्टेंस वर्कआउट से मांसपेशियां ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से प्रोसेस करती है, जिससे ग्लूकोज कंट्रोल बेहतर होता है और मेटाबॉलिक स्विंग्स कम होते हैं. रिसर्च के अनुसार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वालों में टाइप टू डायबिटीज का खतरा 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है. वही वजन उठाने जैसी एक्सरसाइज करने से दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है और पूरे शरीर की फिटनेस भी सही रहती है.
वहीं बढ़ती उम्र में शुगर शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होती है. ज्यादा शुगर लेने से ग्लाइकेशन बढ़ता है, जो सूजन और लंबे समय में टिश्यू डैमेज का कारण बनता है. एक्सपर्ट के अनुसार सिर्फ 3 हफ्ते तक ऐडेड शुगर कम करने से इन्फ्लेमेशन के मार्कर्स में लगभग 15 प्रतिशत तक कमी आ सकती है. वहीं प्रोसेस्ड शुगर कम करने से ऊर्जा स्थिर रहती है, थकान कम होती है और अनचाहा वजन बढ़ाना भी रोका जा सकता है.
इसके अलावा संतुलित वर्कआउट रूटीन स्टैमिना, हार्ट हेल्थ और मेटाबॉलिक बैलेंस के लिए जरूरी है. इसे लेकर एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि सप्ताह में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो और मोबिलिटी एक्सरसाइज शामिल की जानी चाहिए. नियमित एक्टिविटी शरीर को उम्र के साथ होने वाले बदलाव से बेहतर तरीके से मुकाबला करने में सक्षम बनाती है. वहीं रोज 30 मिनट तेज चलना, साइकलिंग या आसान कार्डियो एक्सरसाइज भी दिल और मेटाबॉलिज्म के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है.
क्वालिटी स्लिप भी उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया पर सीधा असर डालती है. अच्छी नींद, हार्मोन को संतुलित करती है, भूख कंट्रोल करती है और शरीर की रिकवरी को सपोर्ट देती है. वहीं कम नींद लेने से मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है और तनाव बढ़ सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि रोज से 7 से 9 घंटे की नींद लेना शरीर के ऊर्जा लेवल को बेहतर बनाए रखता है और बीमारियों का खतरा घटाता है.
इसके अलावा लंबी उम्र का आधार बड़ी चीजों में नहीं बल्कि छोटी-छोटी आदतों में होता है. नियमित समय पर खाना, रोजाना हल्की फिजिकल एक्टिविटी करना, तनाव कम करने के लिए तकनीक और संतुलित दिनचर्या अपनाना यह सभी आदतें शरीर को स्थिरता देती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जो लोग लगातार एक हेल्दी रूटीन फॉलो करते हैं, वह उम्र बढ़ाने के बावजूद सक्रिय और एनर्जेटिक रहते हैं.