पॉल्यूशन के कारण ब्रेन पर हो रहा है बुरा असर? जानिए किन बीमारियों का बढ़ता है खतरा
सभी प्रकार के प्रदूषण विकास के परिणामों में बाधा डालते हैं. वायु प्रदूषण, सीसा और अन्य रसायनों के संपर्क में आना, तथा खतरनाक अपशिष्ट जिसमें अनुचित ई-कचरा निपटान शामिल है. दुर्बल करने वाली और घातक बीमारियों का कारण बनता है. हानिकारक रहने की स्थिति पैदा करता है, और पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करता है.
खतरनाक एयर पॉल्यूशन के कारण कैंसर, जन्म दोष या अन्य गंभीर नुकसान का कारण बनते हैं या होने का संदेह है. वे हाइड्रोजन क्लोराइड, बेंजीन और टोल्यूनि जैसी गैसें या एस्बेस्टस, कैडमियम, पारा और क्रोमियम जैसे यौगिक और धातु हो सकते हैं.
वायु प्रदूषण से अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.वायु प्रदूषण से वयस्कों में संज्ञानात्मक कार्य बाधित हो सकता है, जिन्हें डिमेंशिया नहीं है.
वायु प्रदूषण से मस्तिष्क सिकुड़ सकता है. जिससे संज्ञानात्मक हानि हो सकती है.वायु प्रदूषण से ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर का खतरा बढ़ सकता है.
एयर पॉल्यूशन के कारण ब्रेन फ्रॉग का खतरा भी हो सकता है. वायु प्रदूषण अल्पावधि में मस्तिष्क कोशिकाओं के साथ बातचीत कर सकता है, जिससे उनके संचार करने का तरीका बदल सकता है.
यह मस्तिष्क में सूजन भी पैदा कर सकता है. जिससे डिमेंशिया से जुड़े हानिकारक प्रोटीन का निर्माण हो सकता है.