Kidney Damage: यूरिन का रंग हो गया ऐसा तो समझ जाएं सड़ने लगी है किडनी, तुरंत भागें डॉक्टर के पास
अक्सर डिहाइड्रेशन, हाल में खाया गया खाना, पीए गए पेय पदार्थ या कुछ दवाइयों की वजह से भी यूरिन का रंग बदल जाता है. अगर बिना किसी साफ वजह के पेशाब का रंग असामान्य लगे, तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है.
जब किडनी खराब होने लगती है, तो यूरिन का रंग लाल या भूरे रंग का हो सकता है. कई मामलों में यह बहुत गहरे एंबर रंग का भी दिखाई देता है. कभी-कभी इसका रंग कोला या चाय जैसा भी लग सकता है.
हालांकि यह समझना जरूरी है कि हर गहरे रंग का यूरिन किडनी की बीमारी का संकेत नहीं होता. सही वजह जानने के लिए मेडिकल जांच जरूरी है, क्योंकि केवल रंग देखकर खुद से रिजल्ट निकालना ठीक नहीं है.
आमतौर पर किडनी शरीर से तरल वेस्ट बाहर निकालती है और नमक, मिनरल व पानी का संतुलन बनाए रखती है. जब किडनी कमजोर पड़ती है, तो शरीर में गंदे तत्व जमा होने लगते हैं और तरल पदार्थ ठीक से बाहर नहीं निकल पाता.
ऐसी स्थिति में यूरिन में प्रोटीन या खून की मात्रा बढ़ सकती है. यही कारण है कि पेशाब का रंग हल्के पीले की बजाय गहरा भूरा, टैन या हल्का लाल दिखाई देने लगता है.
अगर यूरिन का रंग साफ या हल्का पीला है, तो यह अच्छी बात मानी जाती है. इसका मतलब है कि शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त है और आप सही तरीके से हाइड्रेटेड हैं. वहीं, गहरा पीला रंग डिहाइड्रेशन की ओर इशारा करता है और पानी ज्यादा पीने की जरूरत बताता है.
गुलाबी या लाल रंग का यूरिन कभी-कभी खाने की चीजों से भी हो सकता है, लेकिन यह खून की मौजूदगी का संकेत भी हो सकता है. वहीं, झागदार या बहुत ज्यादा बुलबुले वाला यूरिन प्रोटीन की अधिकता दिखा सकता है, जो किडनी की शुरुआती बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसी किसी भी स्थिति में यूरिन टेस्ट कराना और डॉक्टर से संपर्क करना सबसे सुरक्षित कदम होता है.