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रोज 2 घंटे से ज्यादा चलाते हैं गाड़ी तो हो सकती है ये बीमारी, जानिए कितनी खतरनाक

एबीपी लाइव   |  25 May 2025 04:57 PM (IST)
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पैटेलर टेंडिनोपैथी एक ऐसी स्थिति है जिसमें घुटने की टोपी को पिंडली की हड्डी से जोड़ने वाले पैटेलर टेंडन में सूजन, दर्द या डिजनरेशन हो जाता है. यह टेंडन घुटने के जोड़ को स्थिर रखने और पैर की गति जैसे चलने, दौड़ने या सीढ़ियां चढ़ने में अहम भूमिका निभाता है.

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जब इस टेंडन पर बार-बार या ज्यादा दबाव पड़ता है तो यह डैमेज हो सकता है. दरअसल, मैनुअल कार चलाते समय बार-बार क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर दबाने से यह दिक्कत जल्दी होती है.

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गौर करने वाली बात यह है कि यह स्थिति आमतौर पर एथलीट्स विशेष रूप से रनर्स और जंपर्स में देखी जाती है, जिसे जंपर्स नी भी कहा जाता है, लेकिन अब यह ड्राइवर्स में भी एक उभरती हुई समस्या बन रही है.

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ऑर्थोपेडिक्स और स्पोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, रोजाना 2 घंटे से अधिक मैनुअल कार चलाने वाले ड्राइवर्स में पैटेलर टेंडिनोपैथी का जोखिम 2.5 गुना ज्यादा होता है. यह स्टडी 1,200 ड्राइवर्स पर किया गया, जिनमें से 65% ने घुटने के दर्द की शिकायत की. वहीं, 40% में पैटेलर टेंडिनोपैथी के लक्षण पाए गए.

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बता दें कि मैनुअल कारों में बार-बार क्लच, ब्रेक, और एक्सीलेटर का इस्तेमाल करना पड़ता है, जो घुटने पर रेपिटिटिव स्ट्रेस डालता है. खासकर क्लच को दबाने के लिए बार-बार पैर को ऊपर-नीचे करने से पैटेलर टेंडन पर प्रेशर बढ़ता है.

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इसके अलावा गलत ड्राइविंग पोजीशन जैसे कि सीट का बहुत नीचे या ऊंचा होना घुटनों पर एक्स्ट्रा प्रेशर डाल सकता है. रिसर्च में यह भी देखा गया कि ऑटोमैटिक कार चलाने वालों में यह खतरा अपेक्षाकृत कम था, क्योंकि उनमें क्लच का इस्तेमाल नहीं होता है.

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पैटेलर टेंडिनोपैथी जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह जिंदगी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. शुरुआती अवस्था में यह केवल हल्के दर्द और असुविधा का कारण बनती है, लेकिन 20% मरीजों में यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि वे दैनिक गतिविधियों जैसे चलने या सीढ़ियां चढ़ने में भी असमर्थ हो जाते हैं.

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