बॉडी पर लगाएं ये तेल, मिलेंगे इतने फायदे कि गिनते-गिनते थक जाएंगी उंगलियां
तिल का तेल स्किन के लिए बेहतरीन नैचुरल मॉइस्चराइजर है. इसमें लिनोलिक एसिड और फैटी एसिड काफी ज्यादा होता है, जो स्किन पर पतली सुरक्षात्मक परत बनाते हैं, जिससे नमी बरकरार रहती है. ड्राई स्किन वालों के लिए तिल का तेल बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि यह ड्राईनेस कम करके रैशेज को रोकता है.
तिल के तेल में सेसमोल और सेसामिनोल जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं. ये फ्री रैडिकल्स स्किन की सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे समय से पहले बुढ़ापा और स्किन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.
तिल का तेल नैचुरल सनस्क्रीन के रूप में काम करता है. यह अल्ट्रावॉयलेट रेज को 30 पर्सेंट तक एब्जॉर्ब कर सकता है, जो नारियल तेल, मूंगफली तेल और जैतून तेल आदि से ज्यादा है. बाकी तेल UV रेज को 20 पर्सेंट तक ही रोक पाते हैं.
तिल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्किन की सूजन और बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं. यह मुंहासे, पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स जैसी दिक्कतों को नियंत्रित करने में प्रभावी है.
तिल का तेल घावों और जलन के इलाज में मददगार है. ओजोनेटेड तिल के तेल का इस्तेमाल करने से घावों में कोलेजन का प्रॉडक्शन बढ़ता है, जिससे घाव जल्दी भरते हैं. यह स्किन की कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ाता है, जिससे निशान या दाग-धब्बे कम होते हैं.
तिल का तेल बालों के लिए वरदान माना जाता है. 2014 के दौरान फार्माकोग्नोसी रिव्यूज में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया कि काले तिल के तेल में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक बालों का झड़ना कम करते हैं और प्राकृतिक रंग बनाए रखते हैं. यह रूसी और स्कैल्प की ड्राईनेस को कम करने में भी असरदार हैं.
तिल के तेल में मौजूद जिंक और अन्य पोषक तत्व बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकते हैं. दक्षिण भारत में खासकर दीपावली के दौरान तिल के तेल की मालिश की परंपरा है, जो बालों को काला और हेल्दी रखने में मदद करती है.
तिल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द को कम करने में मददगार होता है. वहीं, तिल के तेल में टायरोसिन नामक एमिनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन का प्रॉडक्शन बढ़ाता है. सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मूड बेहतर करता है और टेंशन व डिप्रेशन कम करता है.
तिल के तेल की मालिश से ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो स्किन और मांसपेशियों को पोषण देता है. यह आंतों को चिकनाई प्रदान करता है और कब्ज को रोकने में मददगार होता है.