Health Tips: सौंफ से लेकर अजवाइन तक ये 5 चीजें अपने रुटीन में कर लें शामिल, हेल्दी रहेगी आपकी हर मॉर्निंग
सौंफ का पानी पुराने समय से ही एसिडिटी और पेट की जलन को शांत करने के लिए इस्तेमाल होता आया है. इसमें मौजूद एनेथोल नाम का कम्पाउंड पेट की मांसपेशियों को ढीला करके गैस और चुभन को कम करने में मदद करता है. सुबह एक कप पानी में थोड़ी-सी सौंफ उबालकर पीना पेट को हल्का और आरामदेह बना सकता है.
अजवाइन और जीरा गैस और फूले पेट की दिक्कत को काफी हद तक शांत करते हैं. दोनों ही मसालों में ऐसे तेल पाए जाते हैं जो पाचन तेज करते हैं और आंतों में जमा गैस को धीरे-धीरे बाहर निकालने में मदद करते हैं. इन्हें हल्का उबालकर गर्म पानी के साथ पीने से पेट में हल्कापन महसूस होने लगता है.
शिलाजीत का इस्तेमाल ऊर्जा बढ़ाने और शरीर के मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करने में किया जाता है. इसमें मौजूद फुल्विक एसिड और मिनरल्स सेल्स में एनर्जी बनाने की क्षमता बढ़ा सकते हैं, जिससे थकान कम होती है और शरीर का मेटाबॉलिक फ्लो बेहतर होता है. बस मटर के दाने जितना शुद्ध शिलाजीत गर्म पानी में घोलकर सुबह पी सकते हैं.
त्रिफला डाइजेशन को संतुलित करने और शरीर की प्राकृतिक सफाई को बेहतर करने के लिए जाना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स सूजन को कम करते हैं और आंतों को सुचारू रखते हैं. सुबह गुनगुने पानी में त्रिफला भिगोकर पीने से कब्ज, गैस और हेवीनेस में राहत मिलती है.
हल्दी और गिलोय का मेल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सबसे भरोसेमंद संयोजन माना जाता है. हल्दी का करक्यूमिन और गिलोय के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं. हल्की उबाल के बाद इसका गर्म पानी पीना मौसम बदलने या थकान के समय खासतौर पर अच्छा असर दिखाता है.
किसे अपनाना है, यह आपके शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है. अगर पेट में जलन ज्यादा होती है तो सौंफ; अगर गैस की दिक्कत है तो अजवाइन जीरा; अगर ऊर्जा कम महसूस होती है तो शिलाजीत; पाचन धीमा है तो त्रिफला; और बीमारियों से बचाव चाहिए तो हल्दी गिलोय बेहतर विकल्प हैं. धीरे-धीरे शुरुआत करें और देखें कि आपका शरीर किस विकल्प पर सबसे अच्छा रिस्पॉन्ड करता है.